प्रदेश के अन्य जनपदो के बाद राजधानी मे ंभी आया इस फर्जीवाडे का जिन्न
लखनउ। पात्र के बजाय अपात्रो को योजनाओं को लाभ देने और उनमें से अच्छी खासी रकम अधिकारियों और कर्मचारियों के जेब की शोभा बन जाने की खबरें तो आम है। लेकिन किसी योजना का लाभ लेने के लिए कोई सधवा महिला अपने आप को विधवा घोषित करा दे ंतो यह सोचने वाली बात है। लेकिन ऐसा हुआ है ओैर ये प्रदेश के अन्य कई जनपदो मे ंहोने के बाद अब प्रदेश की राजधानी लखनउ मे भी सामने आया हैं। फिलहाल मामले का खुलासा होन के बाद प्रमुख सचिव प्रकरण की जाचं कराने की बात कह रहे है।
मामला प्रदेश की योगी सरकार द्वारा चलाये जा रहे राष्ट्ीय पारिवारिक लाभ योजना से जुडा है। बताया जा रहा है अधिकारियों कर्मचारियों ने इस योजना का लाभ दिलाने के लिए फर्जी अपात्र लोगों को पात्र बनाया गया और उन्हंे इस योजना का लाभ दिलाकर उनसे एक अच्छी खासी रकम अपने जेब मे डाल ली गयी। ज्ञात हो कि इस योजना की शुरूआत योगी सरकार द्वारा इस उददेश्य से की गयी थी कि जिन परिवारो में कमाई करने वाले व्यक्ति की मृत्यू यदि 60 वर्ष से पहले हो जाती है तो उस परिवार के भरण पोषण के लिए 30 हजार रूप्ये एकमुश्त दिये जोयगे। बशर्ते यह परिवार गरीबी रेखा के नीचे रहता हो।
प्रदेश की राजधानी लखनउ मे अब तक ऐसे कुल 21 मामले सामने आयें है जिनमें भ्रष्टाचार का पोषण करते हुए 21 सधवा महिलाओं को विधवा बना दिया गया और उन्हें इस योजना का लाभ देते हुए उनसे दस से लेकर पन्द्रह हजार रूप्ये वसूल लिये गये। खास बात तो यह है कि राजधानी लखनउ मे आये इस तरह के मामले कोई पहली बार नही आये हैं इससे पहले प्रदेश के चित्रकूट, बलरामपुर, कानपुर तथा
गोरखपुर में इस तरह का भ्रष्टाचार सामने आ चुका है। मामला सामने आने पर प्रमख सचिव समाज कल्याण के रविन्द्र नायक ने बोलते हुए कहा कि इन सभी मामलों की जाचं करायी जायेगी तथा जांच मे ंजो भी दोषी पाये जायेगे उन पर कडी कार्यवाही की जायेगी।
इस योजना मे लगे भ्रष्टाचार के कीडे पर सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि मांत्र दस से पन्द्रह हजार के लिए अपने जिन्दा पति को मृत्यू बताने वाली वह महिलायें कैसी होगी जिन्होनें फर्जी तरीकेे से इस योजना का लाभ लिया। और अब तो जब जांच के बाद इन सभी महिलाअेां के नाम सामने आयेगे तो वे समाज मे किस तरह अपना मूहं दिखायेगी।