मुकदमा दर्ज, पुलिस कर रही जांच
लखनउ। राजधानी लखनउ से एक बडी खबर सामने आ रही है। सरकारी जमीन पर चलाये जा रहे मदरसे को प्रशासन द्वारा ढहाये जाने के बाद मदरसा संचालको ंने सामने की खाली पडी निजी जमीन पर अवैध कब्जा कर उसमे मदरसे का भवन खडा कर लिया। जब जमीन के मालिक ने विरोध जताया तो उसे एक दूसरी सरकारी जमीन के फर्जी कागजात पकडा दिये। अपने साथ हो रही धोखाधडी पर जब उसने फिर से विरोध किया तो उसे जान से मारने की धमकी भी दी गयी। मामला फिलहाल पुलिस के पास है जो प्रााथमिकी दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।
प्रकरण लखनउ के गुडम्बा इलाके का है। पीडित के मुताबिक उसने वर्ष 2011 में फूलबाग क्षेत्र मे एक प्लाट खरीदा था। उस समय उसके प्लाट के सामने एक मदरसा चल रहा था जो सरकारी जमीन पर निर्मित था। प्रशासन ने अपनी कार्यवाही मे उस मदरसे को तोड दिया। आरोप के मुताबिक सरकारी जमीन से मदरसा हटाये जाने पर संचालकेा ंने उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया और वहां मदरसे का भवन खडा कर लिया। पीडित हरिश्चन्द्र गिरी का कहना है जब उन्होनें मदरसा संचालकोें हाफिज अब्दुूल हसीब, मुजीब तथा डा0 संतोष कुमार से इस बावत बात की तो उन्होनेें कहा िकवे उन्हें दूसरी जमीन दे देगें।
हरिश्चन्द्र का कहना है कि उन्होनंे ंउसे दूसरी जगह कुछ समय बाद जमीन तो दी लेकिन जब उसक जाचं की गयी तो वह जमीन वन विभाग की निकली। अपने साथ की जा रही धोखाधडी पर जब उसने मदरसा संचालको से फिर बात की तो उन लोगों ने उसे जान से मारने की धमकी देते हुए कहा कि जमीन वापस नही मिलेगी जाओ जो करना हो कर लो।
हरिश्चन्द का यह भी कहना है कि जब सरकारी जमीन पर बने मदरसे को प्रशासन द्वारा तोड दिया गया था तो उन लोगों ने उससे सम्पर्क कर जमीन मांगी थी जिस पर उसने मना कर दिया था तभी उन लोगों ने उससे छुपा कर उसकी जमीन पर कब्जा किया ओैर मदरसे का भवन खडा कर लिया।
मामले पर गंुडम्बा कोतवाल फरीद अहमद का कहना है कि हरिश्चन्द्र की शिकायत पर अब्दुूल हसीब, मुजीब तथा डा0 संतोश के विरूद्व मुकदमा दर्ज कर लियाग गया है। मामले की जाचं की जा रही है।