बैंक प्रबधंक पर हो सकती है कार्यवाही
गोण्डा। आये दिन बैकं कर्मियों द्वारा अपने ही खाताधारकों को बिना वजह परेशान करने की शिकायतें आती रहती हैं। लेकिन पूरे जिले के बैकों की कार्यप्रणाली के सुचारू संचालन की जिम्मेदारी संभाले बैंक के आलाधिकारी लीड बैकं प्रबधक ऐसी शिकायतों पर कार्यवाही के बजाये उन्हें ंसंरक्षण देने का ही कार्य कर रहे है। हालाकि जिलाधिकारी ने अपने कार्यप्रणाली के अनुरूप आयी शिकायत पर त्वरित संज्ञान लेते हुए अकारण बन्द किये गये खाते को चालू करा पीडिता को राहत प्रदान की।
प्रकरण जिले के सदर तहसील अन्र्तगत ग्राम सोनापार की रहने वाली विधवा महिला संगीता का है। जिसका एक खाता सर्व यूपी ग्रामीण बैेंक की मुण्डेरवा शाखा में संचालित है। संगीता ने जिलाधिकारी के जनता दर्शन कार्यक्रम में गुहार लगाते हुए शिकायत दर्ज करायी कि बैैकं प्रबध्ंाक द्वारा जानबूझकर उसके खाते पर रोक लगा दी गयी हैं, जिसके कारण न तो वह अपना पेशन निकाल पा रही है और न ही किसी तरह का लेनदेन ही कर पा रही है।
जिलाधिकारी मार्कन्डेय शाही ने विधवा महिला की शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए जिला प्रोबेशन अधिकारी और लीड बैंक प्रबंधक को मामले की जाचं कर समस्या का निस्तारण करने के साथ प्रस्तावित कार्यवाही भी करने के आदेश दिये। दोनों अधिकारियों ने मौके पर जाकर जांच की तो विधवा महिला की शिकायत सही पायी गयी और महिला का खाता चालू कराने के साथ जिलाधिकारी को अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी।
खास बात तो यह है कि मिली जानकारी के अनुसार आरोपी बैंक प्रबधंक ने जहां अपनी गलती स्वयं स्वीकार की वही इस मामले पर जब लीड बैकं प्रबधंक दशरथी बेहरा से बात की गयी तो उन्होनें इस मामले में सिरे से बैंक प्रबंधक की किसकी भी तरह की गलती होने के इन्कार कर दिया। जबकि जिलाधिकारी को सौंपी गयी रिपोर्ट मे ंइस बात का जिक्र इन्ही अधिकारियों ने किया है कि विधवा महिला की शिकायत सही पायी गयी है।
अब इस अपने विभागीय कर्मचारियों के काले कारनामों को छुपाने का प्रयास कहा जाये या फिर गलतबयानी, जो भी हो, जिलाधिकारी को बंैंक प्रबधंक के साथ साथ लीड बैकं प्रबधंक की कार्यप्रणाली पर भी निगाह रखनी होगी तभी आये दिन बैंकं प्रबंधकों और कर्मचारियेां की मनमानी और जनविरोधी कार्यशैली पर नियंत्रण लग पायेगा।