भारत रत्न सचिन तेदुलकर पर भी लगाया सवालिया निशान
पटना (बिहार)। टोक्यों ओलम्पिक मे भले भारत का प्रर्दशन आशा के अनुरूप न रहा हो, भारत पदक तालिका मे भले ही एक सम्मानजनक स्थान न बना पाया हो लेकिन खिलाडियो ंने अपने प्रर्दशन से देश ही नही विदेशों मे भी एक छाप छोडी है। भारत के इस प्रर्दशन को जहां देशवासी सराह रहे हैं वही दूसरी ओर खिलाडियो ंके मनोबल को तोडने का भी प्रयास जारी है। देश के कुछ नेता तो इस प्रर्दशन को दरिद्र जैसा बता कर देश की छवि धूमिल करने के साथ खिलाडियों को भी हतोत्साहित करने जैसा कुकर्म कर रहे है।
कुछ इसी तरह का बयान हाकी टीम के बेल्जियम से हार पर आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानन्द तिवारी की ओर से आया है जिन्होनें भारत के प्रर्दशन को दरिद्र जैसा बताया है। शिवानन्द तिवारी ने अपने फेसबुक पोस्ट मे कहा है कि देश की तरक्की के साथ स्पोर्टस की भी तरक्की जूड हुयी है, लेकिन टोक्यो ओलपिक में अगर मेडल तालिका को देखा जाये ता अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत कहां खडा है। उन्होनें आगे लिखा कि ओलपिंक मे ंभारतीय हाकी टीम हार गयी, गोल का अंतर बडा है लेेकिन पहले के मुकाबले भारतीय टीम के खेेल मे सुधार हुआ है। सच तो यह है कि विश्व चैपियन बेेल्यिजम की टीम के मुकाबले हमारी टीम अभी भी कमजोर दिखी। ओलम्पिक खेलो ंकी मेडल तालिका को देखा जाये ता हमारा देश दरिद्र जेसा दिखाई देता है।
शिवानन्द तिवारी यही पर नही रूके उन्होनें सचिन तेन्दूलकर को भारत रत्न दिये जाने पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि हम क्रिकेट से अरबपति बने तेदुलकर को तो भारत रत्न दे देते है। लेकिन हाकी के जादूगर और देश के असली रत्न ध्यानचन्द को भूल जाते हैं।
यहाँ यह भी बताना जरूरी है की आरजेडी के इस नेता द्वारा भारतीय खिलाडियों के प्रति दिया गया यह बयान तो पहला है लेकिन सचिन तेंदुलकर के भारत रत्न पर वो पहले भी कई मौके पर अपनी आपत्ति दर्ज करा चुके है ! अब देखना टी यह है की उनके इस अशोभनीय बयान जिसमे उन्होंने भारतीय ओलम्पिक खिलाडी ही नहीं बल्कि भारत को भी दरिद्र बता दिया है उस पर उनकी पार्टी और पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव कोई एक्शन लेते है, हालांकि अपने उटपटांग राजनीती और बयान को लेकर सुर्खियों में हमेशा रहने वाले लालू से ये उम्मीद रखना ही बेमानी होगी