कपडे धुलने से इन्कार करने पर चढा था वार्डन का पारा, अभिभावकांें ने किया हंगामा
बदायूं। जिले के एक कस्तूरबा विद्यालय के वार्डन का बडा ही हैरतअंगेज कारनामा सामने आया है। बताया जा रहा है वार्डन ने विद्यालय की कई छात्राओं को इसलिए आधी रात को हास्टल से बाहर कर दिया क्योकि उन्होनें कपडे घुलने से इन्कार कर दिया था। मामला बीएसए के साथ ही पूलिस के पास भी पहुच चुका है।
हैरान करने वाला यह प्रकरण जिले के उझानी स्थित कस्तूरबा विद्यालय का है। यहां की सात छात्राओं को गुरूवार की रात विद्यालय की वार्डन के इसलिए हास्टल बाहर का रास्ता दिखा दिया क्योकि इन छात्राओ ंने कपडे धुलने से इन्कार कर दिया था। हैरानी की बात तो यह है कि आधी रात को हास्टल मे बाहर घुप्प अधेरें मे खडी इन छात्राओ के साथ यदि किसी प्रकार की घटना घट गयी तो उसकी क्या सजा होगी इस बात की जानकारी होते हुए भी वार्डन ने इतना बडा अपराध कैसे कर डाला।
बताया जा रहा है काफी देर तक हास्टल के बाहर असुरक्षित माहौल मे खडी इन छात्राओ ंको जब वार्डन ने हास्टल मे नही लिया तो बच्चियों अपने अपने घर जाने लगी जिस पर विद्यालय की एक अन्य शिक्षिका ने माहौल केा भापते हुए बच्चियो ंको रोका और वार्डन की परवाह न करते हुए उन्हे ंहास्टल के अन्दर किया।
अपने अपने बच्चियों को आधी रात हास्टल से बाहर किये जाने की जानकारी जब उनके अभिभावको को हुयी तो वे विद्यालय पहुच की हंगामा करने लगे। अभिभावकों ने वार्डन ेक खिलाफ कार्यवाही को लेकर विद्यायल के बाहर धरना तक दिया और बीएसए के सामने अपनी मांग रखी।
बताया जा रहा है मामला बढता देख वहा पर पुलिस भी पहुच चुकी थी जो अभिभावको को शांत करने का प्रयास कर रही थी। इस प्रकरण मे सबसे बडी बात तो यह रही कि जिस शिक्षिका ने वार्डन को इतने बडे अपराध से बचा लिया वार्डन ने अपनी बात कहते हुए सारा दोष उन्ही शिक्षिकाओ पर मढते हुए कहा कि इन्ही स्टाफ द्वारा छात्राओ को भडकाया जा रहा है। मेरे उपर लगाये जा रहे सभी आरोप निराधार है। वही पीडित छात्राओ का कहना था कि वार्डन के द्वारा यह कोई पहली बार नही किया गया है वह अक्सर हम लोगो के साथ अभद्रता करती रहती है। इस बार उन्होनंें हम लोगो ंपर कपडे धूलने का दबाव बनाया था जिससे इन्कार करने पर उन्होनें हमें आधी रात को हास्टल से निकाल दिया। छात्राओं ने यहा तक कह दिया कि जब तक यह वार्डन यहां रहेगी हम विद्यालय मे नही पढेगें। फिलहाल मामला बीएसए तक पहुच चुका है देखन है कि वह इस पर क्या कार्यवाही करते है।