मेडिकल परिक्षण तक करने में नाकाम है जिले की सी एच सी, पी एच सी
सरकारी कर्मचारियों तक को भुगतना पड़ रहा है भ्रष्ट व्यवस्था का दंश
जिम्मेदारों ने बंद कर रखी हैं अपनी आँख और कान
गोण्डा। जिले के सीएचसी पीएचसी पर लाख कोशिशों के बाद भी स्वास्थ्य सुविधाओं में कोई बदलाव होता नहीं दिख रहा। प्रतिमाह करोडों रूप्ये प्रति सीएचसी पीएचसी खर्च करने के बाद भी स्वास्थ्य सेवायें आम जनमानस को सुलभ नहीं हो पा रही हैं।
ताजा प्रकरण रूपईडीह सीएचसी से जुडा हे जहां डाक्टरों की अनुपस्थिति के कारण चिकित्सीय परीक्षण कार्य के साथ ही आम जनमानस को चिक्तिसीय सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है, मामला थाना कौडिया बाजार के मारपीट के मामले में घायल हुए एक व्यक्ति का है जिसे पुलिस मेडिकल परीक्षण के लिए रूपईडीह सीएचसी पर डाक्टरों के न होने से जिला चिकित्सालय रिफर कर दिया गया। रूपईडीह सीएचसी पर तैनात फार्मासिस्ट ने घायल व्यक्ति को बिना किसी कारण यह कहकर जिला चिकित्सालय रिफर कर दिया कि यहां कोई डाक्टर नहीं है। मामूली रूप् से घायल का प्राथमिक उपचार भी नहीं किया गया। पुलिस घायल को लेकर जब जिला चिकित्सालय पहुचीं तो चिकित्सक डा0 बीएल रस्तोगी एवं कौडिया थाना पुलिस एसआई से उनकी कहासुनी भी हो गयी। एसआई आपातकालीन कक्ष मे ंतैनात डा0 विनय गुप्त से भी काफी देर तक मेडिकल परीक्षण को लेकर बहस करता रहा। पूछने पर एसआई ने बताया ि कवह सुबह ग्यारह बजे के लगभग रूपईडीह सीएचसी पर पहुचा था जहां से यह कहकर जिला अस्पताल भेज दिया गया कि यहां डाक्टर नहीं है। यहां डाक्टर कह रहे है कि क्षेत्रीय मेडिकल परीक्षण जिले पर नहीं किया जायेगा। रेफरल मेडिकल ही किया जायेगा अन्यथा यहां शहर से सम्बधिंत मेडिकल ही किये जायेगें।
करीब दो घंटे प्श्चात किसी तरह थाना कौडिया का यह मेडिकल परीक्षण हो सका। इस सम्बधं में प्रभारी सीएमओ डाक्टर देवराज से जब बात करने की कोशिश की गयी तो उनका सीयूजी नम्बर कोई रिस्पांस नहीं कर सका। इस बारे में अपर निदेशक स्वास्थ्य डा0 रतन कुमार से बात की गयी तो उन्होनें रटा रटाया जवाब देते हुए कहा कि जांच कर स्थिति में सुधार लाने का प्रयास किया जायेगा। सच तो यह है कि दूर दराज ग्रामीण क्षेत्रों में बने सीएचसी पीएचसी पल्सपोलियों कार्यक्रम एंव टीकाकरण कार्यक्रम के छोडकर अन्य चिकित्सीय सुविधाओ का लाभ क्षेत्रीय लोगों को उपलब्ध कराने में पूरी तरह विफल साबित हो रहे है।