रामपुर के शाहाबाद तहसील का मामला
रामपुर। कोई पेड़ फल ओैर फूल की जगह यदि नोटो की बारिश करने लगे तो हैरानी की बात तो होेगी ही। पहले तो लोग इस तरह पेड़ से नोटो की बारिश होते देख अचम्भित हुए ओैर नोटो को बटोरने के होड मे लग गये लेकिन जब उन्होनें माजरा समझा तो उनके हाथ नोटो की जगह निराशा ही हाथ लगी।
दरअसल मामला एक नोटरी के वकील विनोद शर्मा का है। विनोद शर्मा किसी काम के लिए पचास हजार के पांच पाचं सौ की गडडी लेकर कचेहरी आये हुए थे। जिस बैग मे उन्होनंें ये रूप्ये रख रखे थे उसके पास ही कुछ खाने पीने की चीजे पडी थी। खाने की चीजो से आकर्षित वहां के बन्दरो ने उन चीजो के साथ ही विनोद शर्मा की नोटो की गडिडयां भी उठा ली और पेड पर चढ गये।
बन्दरो ने खाने की चीजो को तो खा लिया लेकिन नोटो को पेड पर चढ कर बिखेरने लगे। पेड से नोटो को गिरता देख वहां मोैजूद लोगो मे उन्हे बटोरने की होड लग गयी। इधर नोटो की बारिश होता देख विनोद शर्मा का ध्यान अपने बैग पर गया तो वह उन्हे ंवहा से नदारद मिली। विनोद पूरा माजरा समझ गये और लोगो को यह समझाने का प्रयास करने लगे कि यह नोट उनके है जिन्हे बन्दर उठा ले गये थे।
वकीलों और वहां मौजुद कुछ लोगो के प्रयास से विनोद के लगभग सभी नोट वापस हो गये।