गोंडा । डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक संघ के महामंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने उत्तर प्रदेश के नियमित डिग्री शिक्षकों को पीएच. डी. करने के बाद वेतन वृद्धि न दिए जाने पर नाराजगी व्यक्त की। हाल में नव निर्वाचित महामंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि उ. प्र. सरकार यू.जी.सी. के दिशा निर्देशों का अपने मनमाफिक अनुपालन करती है। देश के अधिसंख्य केंद्रीय विश्वविद्यालय और अधिकांश राज्य सरकारें उन डिग्री शिक्षकों को, जो पीएच.डी. उपाधि धारित किए हैं, पांच वेतन वृद्धियां (इंक्रीमेंट) देती हैं।
ताजा घटनाक्रम के मुताबिक इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रयागराज भी उक्त वेतन वृद्धि देने का प्रावधान कर चुका है। एक ही देश में केंद्रीय सरकार और प्रांतीय सरकारें – जहां एक ही पार्टी का शासन है – अलग-अलग नियम चला रहे हैं। शिक्षकों की बैठक में उन्होंने कहा जब तक सरकार इस अन्यायपूर्ण असंगति को समाप्त नहीं करती, शिक्षक संगठन खामोश नहीं बैठेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार को भी यह भली-भांति समझ लेना चाहिए कि शिक्षकों को उनके अधिकारों से वंचित करना काफी महंगा पड़ सकता है।
उन्होंने तल्ख स्वर में आक्रोश के साथ कहा कि शिक्षा समानता का मूल आधार है। हम शिक्षकगण विद्यार्थियों को समानता की शिक्षा देते हैं, किंतु प्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र में असमानता की विषबेलि उगा रही है।
जो कदापि उचित नहीं है। उन्होंने प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि वह अपनी हठधर्मिता छोड़कर डिग्री शिक्षकों को न्यायोचित वेतन वृद्धि देकर सहृदयता का परिचय दे, तो हम सभी शिक्षक साथी आभारी होंगे।