मध्य प्रदेश शिक्षा

ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी अपने को न समझे कमतर, हासिल कर सकते हैं बड़ी उपलब्धि – भूवैज्ञानिक एन के दत्ता

Written by Vaarta Desk

(मदन साहू)

प्रख्यात भूवैज्ञानिकों ने विद्यार्थियों को भूगर्भशास्त्र में कॅरियर अवसरों की दी जानकारी

जबलपुर(मध्यप्रदेश)। शासकीय जटाशंकर त्रिवेदी स्नातकोत्तर महाविद्यालय बालाघाट और शासकीय आदर्श महाविद्यालय शाहपुरा डिंडोरी मध्यप्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में “भूगर्भशास्त्र में कॅरियर के अवसर” विषय पर दो दिवसीय ऑनलाइन सेमीनार का आयोजन 8 व 9 अक्टूबर 2021 को किया गया।जिसमें व्याख्यानमाला के लिए रिसोर्स पर्सन के रूप में प्रख्यात भूवैज्ञानिक एन के दत्ता,भूतपूर्व महानिदेशक, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और प्रताप सिंह परिहार, निदेशक, परमाणु खनिज निदेशालय हैदराबाद को आमंत्रित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य संरक्षक की भूमिका के रूप में डाॅ लीला भलावी, अतिरिक्त संचालक, जबलपुर संभाग, उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश और संरक्षक की भूमिका के रूप में डाॅ गोविंद सिरसटे,प्राचार्य,शासकीय जटाशंकर त्रिवेदी महाविद्यालय बालाघाट और सी एस परस्ते,प्राचार्य शासकीय आदर्श महाविद्यालय शाहपुरा डिंडोरी ने महत्वपूर्ण सहयोग दिया।

पृथ्वी के रहस्यों को खोलता है भूगर्भशास्त्र बोली डाॅ लीलावती भलावी:-

कार्यक्रम के पहले दिन शुभारंभ उद्बोधन देते हुए डाॅ लीलावती भलावी ने कहा कि भूगर्भशास्त्र एक ऐसा विषय है जो पृथ्वी के रहस्यों को खोलता है।वर्तमान में भूगर्भशास्त्र से स्नातक व स्नातकोत्तर करने के बाद देश में नहीं बल्कि विदेशों में भी कॅरियर के अवसर प्राप्त हो रहे हैं।भूगर्भशास्त्र विषय से औद्योगिक,भूवैज्ञानिक एजेन्सियों,पर्यावरणीय,समुद्र विज्ञान,जनसेवा के क्षेत्र में अपार कॅरियर के अवसर उपलब्ध हैं।भूवैज्ञानिक शोधकर्ता के रूप में शिक्षक व लेखक के रूप में कॅरियर बनाया जा सकता है।संघ लोकसेवा आयोग प्रतिवर्ष भू-वैज्ञानिक और भूविज्ञान में शिक्षा देने वाले संस्थान महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियां करते हैं।

प्रख्यात भूवैज्ञानिक एन के दत्ता ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए दिए सफलता के मूल-मंत्र
रिसोर्स पर्सन के रूप में कार्यक्रम के पहले दिन प्रख्यात भूवैज्ञानिक व भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के भूतपूर्व महानिदेशक एन के दत्ता द्वारा विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए,विद्यार्थियों को भूविज्ञान विषय से संबंधित अमूल्य महत्वपूर्ण जानकारी,विभिन्न क्षेत्रों सहित भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण में कॅरियर के अवसर व तैयारी पर सारगर्भित जानकारी दी गई।इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों से अधिक से अधिक पढ़ने की अपील करते हुए कहा कि गांव वाले विद्यार्थियों को कभी भी यह नहीं सोचना चाहिए कि उन्हें कुछ नहीं आता,वह भी पढ़ाई करके बड़ी और महान उपलब्धि हासिल कर सकते हैं।विद्यार्थी वर्तमान आवश्यकता को देखते हुए सर्वेइंग और भू-विज्ञान से संबंधित कम्प्यूटर एप्लीकेशन जरूर सीखें।

परमाणु खनिज निदेशालय के भूतपूर्व निदेशक प्रताप सिंह परिहार द्वारा विद्यार्थियों को बताए गए एक अच्छे भू-वैज्ञानिक होने के गुण
कार्यक्रम के दूसरे दिन रिसोर्स पर्सन के रूप में परमाणु खनिज निदेशालय,हैदराबाद के भूतपूर्व निदेशक प्रताप सिंह परिहार द्वारा वक्तव्य के दौरान विद्यार्थियों को भूगर्भशास्त्र से अन्वेषण,पर्यावरण,सुदूर संवेदन,भौमजल,भू-भौतिकीविद्,भू-रसायनविद्,अभियांत्रिक भूवैज्ञानिक,माइनिंग जियोलाॅजिस्ट के तौर पर भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण जीएसआई,ओएनजीसी,एमडी, सीजीडब्ल्यूबी,स्टेट्स माइंस एण्ड जियोलाॅजी डिपार्टमेंट,सुदूर संवेदन संस्थानों,इन्डीविजुअल माइंस,कंसल्टेंट एजेंसी,शैक्षणिक संस्थानों में कॅरियर के अवसर उपलब्ध होने की महत्वपूर्ण जानकारी दी।उन्होंने बताया कि एक अच्छे जियोलाॅजिस्ट होने के लिए ऑब्जर्वर, डाटा संग्रहण,एनालिसिस और इंटरप्रिटेशन; डाटा तैयार,प्रोसेस और प्रजेंट करने में योग्यता; जानकारी के संगठित,संख्यात्मक और ग्राफिक माध्यम में हैंडल करने की योग्यता; लिखित व भाषिक कम्यूनिकेशन स्किल; रिपोर्ट राइटिंग स्किल;सेल्फ मोटिवेशन और लचीलापन; टीम वर्किंग स्किल;कठिन परिस्थितियों से सामना करने की क्षमता इत्यादि क्षमताओं का होना आवश्यक है।उन्होंने न्यूक्लियर एनर्जी के महत्व को समझाते हुए,उसे ऊर्जा का सर्वोत्तम स्रोत बताया।वहीं सतर्क करते हुए बताया कि यदि कोयला का दोहन इसी रफ्तार से बढ़ता रहा तो,अगले 50-60 वर्षों में दुनिया से कोयले के भंडार खत्म हो जाएगें।इसलिए उर्जा के वैकल्पिक संसाधन खोजना और उन्हें विकसित करना अति आवश्यक है।

कार्यक्रम को सफल बनाने में इनका रहा महत्वपूर्ण योगदान:-
कार्यक्रम के अंत में डाॅ रश्मि बुनकर द्वारा कार्यक्रम में शामिल सभी का आभार प्रकट किया गया।कार्यक्रम को सफल बनाने में संयोजक डाॅ ओमप्रकाश साहू,विभागाध्यक्ष,भूगर्भशास्त्र विभाग,शासकीय आदर्श महाविद्यालय शाहपुरा,डिंडोरी व अरविन्द पटले,विभागाध्यक्ष, भूगर्भशास्त्र विभाग,शासकीय जटाशंकर त्रिवेदी महाविद्यालय बालाघाट और आयोजक समिति शासकीय आदर्श महाविद्यालय शाहपुरा डिंडोरी के इतिहास विभाग से श्रीमती स्वीटी यादव,राजनीति विभाग से डाॅ रश्मि बुनकर,रसायनशास्त्र विभाग से श्रीमती सरिता कुशवाहा,भौतिकशास्त्र विभाग से रुपाली गुप्ता और शासकीय जटाशंकर त्रिवेदी महाविद्यालय बालाघाट के रसायनशास्त्र विभाग से खिलाशवर ठाकरे ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।कार्यक्रम का संचालन डाॅ ओम प्रकाश साहू द्वारा किया गया।कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में देश के विभिन्न हिस्सों से प्रतिभागियों ने शामिल होकर महत्वपूर्ण जानकारी की और लाभान्वित हुए।

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