नयी दिल्ली। राष्टपति भवन का वो हाल उस समय तालियों की गडगडाहट से गुजं उठा जब कर्नाटक संतरा विक्रेता हरेकला हजब्बा अपना पद्वश्री लेने राष्टपति के सम्मूख पहचें और वह भी नंगे पावं।
ज्ञात हो कि आज राष्ट्पति भवन मे ंपद्वश्री सहित पदको के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था। इसी क्रम में कनार्टक के मैगलौर मे ंसंतरें बेचने वाले हरेकला हजब्बा को भी उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए पद्वश्री प्रदान किया जाना था। अपना क्रम आने पर बेहद ही साधारण कपडो में बिना किसी चप्पल या जूते के नंगे पाव राष्ट्पति से अपना पदक लेने पहचें हरेकला हजब्बा तथा उनकी सादगी को देख वहां बैठे सभी सम्मानित जन आश्चर्य से भर उठे।
हरेकला हजब्बा को जब राष्ट्पति ने पद्वश्री से सम्मानित किया तो पूरा हाल तालियों की गडगडाहट से गूंज उठा। यहां यह भी बताना आवश्यक है कि हरेकला को यह सम्मान इसलिए मिला क्योकि उन्होनें अपने गावं में एक स्कूल बनवाया है और वह भी संतरे बेचकर उससे बचाये गये पैसों से। हरेकला शहर से लगभग चालीस किलोमीटर दूर गांव मे अपने संतरो ंको बेचते है। गावं मे स्कूल न होने के चलते हरेकला पढाइ से वचित रह गये थे, पढायी से वचित रह जाने का दर्द समझते हुए उन्होनें प्रण लिया था िकवह अब किसी को पढायी से वचिंत नही रहने देंगें ओैर इसी प्रण के चलते उन्होनंें अपने साधारण से व्यवसाय से पैसेेेेे बचाकर गांव में स्कुल का निर्माण कराया।
You must be logged in to post a comment.