मेरठ। गरीबी रेखा से नीचे रहकर जीवन यापन करने वाले गरीब परिवारों के लिए केन्द्र सरकार की योजना के लाभ का दुरूप्योग वैसे तो कई जगह और कई तरीको ंसे होता रहा है। परन्तु राज्यमत्री जैसे संवैधानिक पद पर रह चुका कोई व्यक्ति इस सुविधा का लाभ उठा रहा हो, इस तरह का आजतक कोई मामला सामने नही आया। खास बात तो यह है कि पिछले वर्ष बने इस बीपीएल कार्ड पर पूर्व राज्यमंत्री द्वारा बराबर राशन का उठान भी किया जा रहा है। इस मामले मे सबसे खास बात तो यह है कि इस पूरे मामले से जहां पूर्व राज्यमंत्री अपने आपको अंजान बता रहे हंै वही मामले के प्रकाश में आते ही जिम्मेदारों के हाथ पावं फूलते नजर आ रहे है।
मामला जिले के पूर्व राज्यमंत्री योगेन्द्र जाटव से जुडा है। बताया जा रहा है श्री जाटव करोडपति होते हुए कई वीआईपी वाहनों के मालिक भी है। श्री जाटव के नाम से पिछले वर्ष गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लाभार्थी का राशन कार्ड बनाया गया है और इस राशन कार्ड से पिछले एक वर्ष से राषन का उठान भी किया जा रहा है। ज्ञात हो िकइस कार्ड पर प्रति माह दस किलो चावल तथा पन्द्रह किलो गेहूं दिये जाने का प्रावधान है।
बात की जाये आपुति विभाग में इस कार्ड से सम्बधिंत रिकार्ड की तो यह कार्ड पिछले वर्ष मई में पूर्व राज्यमंत्री योगेन्द्र जाटव के नाम से बना है जिसकी संख्या 113840846379 है। कार्ड में पूर्व राज्यमत्री श्री जाटव के साथ ही उनकी पत्नी किरन देवी, नमन, रविकुमार जाटव, अंजली के भी नाम दर्ज है। इस राशन कार्ड का निर्धारित कोटेदार तृतीय क्षेत्र सुनीता गुप्ता है जिनका स्थान श्याम नगर बताया जा रहा है।
मामले पर जब श्री जाटव से सम्पर्क किया गया तो उन्होनें बेहद ही चैकाने वाला बयान देते हुए कहा कि मै ओर मेरा परिवार गरीबी रेखा से नीचे नही आता और हमने राशन कार्ड बनवाया भी नही है। हो सकता है किसी और ने हमारे नाम से राशन कार्ड बनवा लिया हो और राशन का उठान कर रहा हो। वही मामले पर जिला पूर्ति अधिकारी राघवेन्द्र सिंह का कहना है कि यदि यह मामला सही है तो जांच कराकर कार्ड को निरस्त किया जायेगा। लेकिन उनके पास इस सवाल का कोई जवाब नही था कि आखिर किसी पूर्व राज्यमंत्री के नाम से बीपीएल राशन कार्ड आखिर बन कैसे गया।