गैंगरेप और पाक्सो एक्ट मे ंअदालत ने गायत्री साहित अन्य दो को सुनाई सजा
लखनउ। नौकरी दिलाने के नाम पर महिला के साथ सामुहिक बलात्कार तथा महिला की नाबालिग बेटी के साथ दुराचार की कोशिश के मामले मे समाजवादी सरकार मे खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति को आज अदालत ने दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुना दी। कोर्ट ने प्रजापति तथा उसके दो साथियो पर दो दो लाख का जुर्माना भी लगाया है।
प्रकरण 18 फरवरी 2017 का है जब राजधानी के गौतम पल्ली थाने मे महिला द्वारा प्रकरण को दर्ज कराया गया था। दर्ज मामले मे आरोप लगाया गया था कि उसे नौकरी दिलाने के नाम पर चित्रकूट से लखनउ लाया गया जहां पर मंत्री गायत्री प्रजापति तथा उसके साथियो द्वारा दो वर्ष तक सामुहिक दुराचार का शिकार बनाया जाता रहा। हद तो तब हो गयी जब उसकी नाबालिग 16 वर्षीय बेटी को भी अपने हवस का शिकार बनाना चाहा तब उसने पुलिस से शिकायत की।
पीडित महिला का कहना था कि उसके कई स्थानों पर ले जाया गया जहां उसके साथ सामुहिक रूप् से बलात्कार किया गया। खास बात तो यह है कि महिला ने स्थानीय पुलिस सहित तत्कालीन डीजीपी से भी प्रकरण की शिकायत की थी परन्तु किसी ने भी कोई कार्यवाही नही की। पीडिता ने विवश होकर उच्चतम न्यायालय की शरण ली तब जाकर मामले को दर्ज किया गया था।
आज एमपीएमएलए कोर्ट ने मामले पर तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रजापति, मंत्री के सहयोगी आशीष तथा अशोक तिवारी को दोषी मानते हुए सभी को उम्र कैद की सजा तथा दो दो लाख का जुर्माना अदा करने का आदेश जारी कर दिया है। ज्ञात हो कि बलात्कारी मंत्री प्रजापति इसी मामले मे वर्ष 2017 से जेल मे बन्द है।