मुम्बई (महाराष्ट)। पूर्व गृहमत्रंी अनिल देशमुख पर अवैध वसूली कराये जाने का गम्भीर आरोप लगाने के बाद से ही भूमिगत चल रहे महाराष्ट् के पूर्वक पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह जिन्होनें अपने कार्यकाल मे न जाने कितने अपराधियो को फरार घोषित किया होगा आज स्वयं फरारी काट रहे हैं। मुम्बई पुलिस ने आज उनके आवास पर फरार घोषित किये जाने का र्नोिटस भी चस्पा कर दिया है।
तीन टांग पर चल रही वर्तमान महाराष्ट् सरकार को भारी मुसीबत में डालकर तथा परिणाम स्वरूपं गृहमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पर पद बैठेे एनसीपी नेता अनिल देशमुख के इस्तीफे का कारण बने पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह को आज सार्वजनिक तौर पर फरार घोषित कर दिया गया, फिल्म नगरी मुम्बई की एक अदालत द्वारा जारी नोटिस को परमवीर सिंह के घर के बाहर लगा दिया गया। ज्ञात हो कि कोर्ट ने अपने आदेश मे कहा है कि जबरन वसूली और आपराधिक साजिश से सम्बधिंत आईपीसी की अलग अलग धाराओं के तहत केार्ट ेस समक्ष एक शिकायत की गयी ओर अदालत इस बात से संतुष्ट है कि आरोपी फरार हो गया है या फिर वारंट से बचने के लिए खुद को छुूपा रखा है।
हालाकिं परमवीर सिंह के वकील द्वारा सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी देने के बाद िकवह देश मे ही है कही फरार नही हुए है, कोर्ट ने उन्हें गिरफतारी से अतंरिम राहत देते हुए जांच में सहयोग देने का निर्देश जारी कर दिया था। उनके अधिवक्ता ने बताया कि पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह मात्र 48 घंटे के भीतर ही सीबीआई या फिर कोर्ट के सामने पेश हो सकते है।
यह मामला तब शुरू हुआ जब श्री सिंह को उनके पद से हटाया गया था इसके बाद ही उन्होनें उस समय के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर कई गम्भीर आरोप लगाये थे। इन आरोपो ंपर सबसे गम्भीर बात यह है कि परमवीर सिंह ने सीधे मुख्यमत्रंी उद्वव ठाकरे को पत्र लिखकर बताया था कि उनसे मुम्बई के कई दुकानों और रंेस्तराओं से प्रति माह 100 करोड रूप्ये की अवैध वसूली करने का आदेश गृहमंत्री देशमुख द्वारा दिया गया था। इसके बाद ही महाराष्ट् की राजनीति मे आये भूचाल आया जिसके चलते जहंा सरकार की बदनामी तो हुयी ही अनिल देशमुख को अपना पद तक छोडना पडा ओैर जल्द ही उन्हें प्रर्वतन निदेशालय ने अपने हिरासत मंें भी ले लिया है।