विभागीय कार्यवाही के आदेश, शासन से आदेश जारी
गोण्डा ! जिला अस्पताल गोंडा में बतौर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी/जिला सर्विलांस अधिकारी तैनात रहे डॉ देवराज के विरुद्ध सेवानिवृत्ति के बाद विभागीय कार्यवाही की तलवार लटक गई है।
यह जानकारी देते हुए जिलाधिकारी मार्कंडेय शाही ने बताया शासन द्वारा सेवानिवृत्ति के बाद डॉ. देवराज तत्कालीन अपर मुख्य चिकित्साधिकारी / जिला सर्विलांस अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही की संस्तुति की गई है। उन्होंने बताया कि डॉक्टर देवराज द्वारा अपनी तैनाती अवधि में जिला सर्विलांस अधिकारी के रूप में कोविड-19 महामारी के संक्रमण की स्थिति दिन-प्रतिदिन अत्यधिक गम्भीर होने के दृष्टिगत उससे निपटने के लिए जनपद स्तर पर ठोस रणनीति बनाकर टीम भावना के साथ कार्य न करने , जिलाधिकारी द्वारा की जाने वाली दैनिक समीक्षा बैठकों में फील्ड कर्मियों द्वारा दिये गये कार्यों का कोई ब्यौरा प्रस्तुत न किये जाने, महामारी से निपटने के लिए जिला प्रशासन द्वारा तय की गयी रणनीति के अनुसार सार्थक प्रयास न करने, जनपद में कोविड वैक्सीनेशन की प्रगति असन्तोषजनक होने , “ विशेष टीका उत्सव ” हेतु शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुसार टीकाकरण सुनिश्चित कराने के संबंध में कोई ध्यान न देने तथा जनपद में कोविड पाजिटिव केसेज की संख्या बढ़ने के दृष्टिगत अधिक से अधिक कान्टैक्ट ट्रेसिंग सुनिश्चित न कराने आदि आरोपों को प्रथम दृष्टया प्रमाणित पाये जाने के दृष्टिगत उनके विरुद्ध उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1999 के नियम 7 के अन्तर्गत प्रस्तावित/अनुमोदित अनुशासनिक कार्यवाही को उनके सेवानिवृत्ति के अनुच्छेद 351 ए के अन्तर्गत विभागीय कार्यवाही संस्थित की गई है।
उन्होंने बताया कि डा. देवराज के विरुद्ध संस्थित विभागीय कार्यवाही में उनके विरुद्ध लगाये गये आरोपों की जांच हेतु अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, देवीपाटन मण्डल गोंडा को जांच अधिकारी नामित किया गया है ।