रिजर्व बैंक की एकीकृत लोकपाल (Ombudsman) योजना की तरह सभी बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) के ग्राहकों की सभी तरह की शिकायतों के लिये भी एकीकृत शिकायत पोर्टल को शुरू करना चाहिये।
प्रधानमंत्री द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक की एकीकृत लोकपाल योजना (Integrated Ombudsman Scheme)को लॉन्च किया गया है। यह एक स्वागत योग्य कदम है। यह योजना ‘एक राष्ट्र-एक लोकपाल’ की अवधारणा पर आधारित है। इसके तहत एक पोर्टल, एक ई-मेल और एक पता होगा, जहां ग्राहक बैंक, NBFCs आदि के खिलाफ अपनी शिकायतें दायर कर सकते हैं। ग्राहक एक ही स्थान पर अपनी शिकायत दे सकते हैं, दस्तावेज जमा कर सकते हैं, अपनी शिकायतों-दस्तावेजों की स्थिति यानी स्टेटस भी जान सकेंगे।
एकीकृत लोकपाल योजना, आरबीआई की मौजूदा तीन लोकपाल योजनाओं को एकीकृत करती है बैंकिंग लोकपाल योजना 2006, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लोकपाल योजना 2018, और डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना 2019। अगर आरबीआई द्वारा रेगुलेटेड संस्थाएं जैसे बैंक, एनबीएफसी आदि ग्राहक की शिकायत का संतुष्टिपूर्ण समाधान नहीं कर पाते हैं या फिर 30 दिनों की अवधि के भीतर जवाब नहीं देती हैं तो ग्राहक एकीकृत लोकपाल योजना में अपनी शिकायत दायर कर सकता है ।
रिजर्व बैंक को इसी तरह की एकीकृत शिकायत पोर्टल को सभी बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के ग्राहकों की सभी तरह की शिकायतों के लिये भी शुरू करना चाहिये । अभी किसी भी तरह की शिकायत के लिए ग्राहक सम्बंधित बैंक में अपनी शिकायत करता है, ज्यादातर ग्राहक अपनी शिकायत को बैंक की शाखा, ग्राहक शिकायत केन्द्र, क्षेत्रिय कार्यलय, अंचल कार्यलय, प्रधान कार्यलय और बैंकों के चेयरमैन तक को अलग अलग कर देते हैं, जिससे एक ही शिकायत पर सभी जगहों पर अलग अलग कार्यवाही शुरू हो जाती है और एक ही शिकायत के लिए बैंकों की मैनपावर का नुक्सान होता है । यदि बैंकों के लिए भी एकीकृत शिकायत पोर्टल की शुरुआत होती है तो ग्राहक किसी भी बैंक की शिकायत एक पोर्टल पर करेगा और उस पोर्टल से शिकायत को सम्बंधित बैंक को भेज दिया जायेगा और ग्राहकों को शिकायत के लिय अलग अलग अधिकारीयों और कार्यालयों को भेजना नहीं पड़ेगा । इससे बैंकों की कार्यक्षमता में भी लाभ होगा। इस एकीकृत शिकायत पोर्टल में शिकायत दर्ज होने के बाद यदि एक निश्चित समय में शिकायत का समाधान नहीं होता तो ऐसी शिकायत अपने आप भारतीय रिजर्व बैंक की एकीकृत लोकपाल योजना के पोर्टल पर चली जाएगी जिससे ग्राहक को 30 दिनों में शिकायत का समाधान न होने की स्थिति में अलग से शिकायत नहीं करनी पड़ेगी।
बैंकों में एक दिन में सेंकडो शिकायतें आती हैं और अलग अलग जगहों बैंक की शाखा, ग्राहक शिकायत केन्द्र, क्षेत्रिय कार्यलय, अंचल कार्यलय, प्रधान कार्यलय और बैंकों के चेयरमैन को भेजने से सेंकडों शिकायतें हजारों में तबदील हो जाती हैं। एकीकृत शिकायत पोर्टल से जहाँ कम कर्मचारियों के साथ बैंक शिकायतों का समाधान कर सकेंगे वहीँ ग्राहक पोर्टल के द्वारा अपनी शिकायत की स्थिति की जानकारी भी ले सकेंगे।
अभी जो शिकायतें बैंकों में आती हैं उनमे से अधिकतर एटीएम और पास बुक प्रिंटिंग सम्बंधित होती हैं, यदि बैंक इन दोनों की अच्छी मशीनें और उनकी देखभाल के लिय अच्छी कंपनी के साथ AMC करते हैं तो 50% से ज्यादा शिकायतें आयेंगी ही नहीं।
अशवनी राणा
फाउंडर
वॉयस ऑफ बैंकिंग
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