लखनउ। टीईटी परीक्षा को शातिपूर्वक सम्पन्न कराने की जिम्मेदारी पर खरे न उतर पाने पर सचिव परीक्षा नियामक को आज योगी सरकार ने सस्पेंड कर दिया। टीईटी परीक्षा पेपर लीक मामले पर यह योगी सरकार की पहली कडी कार्यवाही सामने आयी है।
उत्तरप्रदेश के लाखों परीक्षार्थियांें को प्रभावित करने वाली परीक्षा को एकाएक निरस्त किये जाने से जहां योगी सरकार की छवि को एक बडा धक्का लगा है वही परीक्षार्थियों को इस निरस्ती से अच्छी खासी परेशानी का सामना भी करना पडा है। हालाकिं योगी सरकार ने परीक्षर्थियों को राहत देते हुए उन्हें उनके घर तक निशुल्क यात्रा का प्रबध्ंा करने के साथ साथ अगली परीक्षा मे सम्मिलित होने के लिए किसी भी तरह की अन्य किसी शुल्क से भी राहत दी है।
ज्ञात हो कि रविवार को प्रदेश भर के 21 लाख परीक्षार्थियो के लिए टीईटी परीक्षा का आयेाजन किया गया था जिसकी प्रथम पाली की परीक्षा प्रातः दस बजे से तथा द्वितीय पाली की परीक्षा दोपहर ढाई बजे से आरम्भ होने वाली थी। प्रथम पाली की परीक्षा आरम्भ भी हो गयी थी और लगभग आधे घंटे की परीक्षा हो भी चुकी थी कि अचानक पेपर लीक होने का मामला सामने आ गया। परीक्षा की शुचिता भंग होने की जानकारी होते ही योगी सरकार ने परीक्षा को निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया।
पेपर लीक मामले परी सख्त हुयी योगी सरकार ने त्वरित कार्यवाही करते हुए लगभग ढाई दर्जन आरोपियों को गिरफतार भी कर लिया है जिन पर रासुका के तहत कार्यवाही के निदे्रश भी जारी कर दिये है। मामले पर राजनीति भी जारी हो गयी, विपक्षी दलों ने योगी सरकार को आडे हाथो लेते हुए परीक्षा के पेपर लीक होने को सरकार की नाकामी से जोडते हुए योगी पर हमला भी बोल दिया था।