गोण्डा। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय शिक्षक संघ द्वारा विश्वविद्यालय-मुख्यालय पर विभिन्न जनपदों से आए सैकड़ों शिक्षकों के साथ अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों ने अपनी लंबित मागों के समर्थन में में धरना-प्रदर्शन किया। गोण्डा. बहराइच, सुल्तानपुर, प्रतापगढ, अयोध्या, बाराबंकी, अमेठी और
अंबेडकर नगर के विभिन्न अनुदानित महाविद्यालयों से आए शिक्षकों ने आक्टा के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन कर प्रदेश सरकार तक अपनी लंबित मांगों की पूर्ति हेतु .मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार को संबोधित ज्ञापन कुलपति, प्रो. रविशंकर सिंह डॉ. राममनोहर विश्वविद्यालय अयोध्या को सौंपा।
विदित हो कि प्रादेशिक शिक्षक संघ फुपुक्टा के आहवान पर डिग्री शिक्षक आंदोलनरत पर उत्तर प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय मुख्यालय पर शिक्षक समुदाय अपनी मागों को मनवाने के लिए इकट्ठा होना था। इसी क्रम में अवध विश्वविद्यालय मुख्यालय पर सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों ने जुट कर शिक्षक एकता का परिचय देते हुए हुंकार भरी।
जिन मुद्दों के लिए धरना-प्रदर्शन किया गया उनमें पुरानी
पेंशन योजना की बहाली. प्रोफेसर पदनाम एवं ग्रेड दिए जाने में विसंगतियों को समाप्त करने. पीएच. डी. के उपरांत पाँच वेतन वृद्धि, छूटे हुए मानदेय शिक्षकों का
आमेलन, सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष, शिक्षकों को कैशलेस चिकित्सीय सुविधा, राज्य कर्मचारियों की भाँति सामूहिक जीवन बीमा योजना, पुस्तकालय कैडर का देतन निर्धारण एवं अवशेष का भुगतान, सेवाकाल में मृत्यु होने पर पारिवारिक पेंशन, एकल स्थानांतरण में एनओसी की व्यवस्था समाप्त किया जाना. सीएल को बढ़ाकर 14 किया जाना, अनुदानित महाविद्यालयों में स्वपित्तपोषित शिक्षकों का स्थायीकरण परीक्षा पारिश्रमिक की दरों का संशोधन, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी की नियुक्तियों का शुरू करवाना, शिक्षा निदेशालय में व्याप्त भ्रष्टाचार का स्थायी समाधान, विसंगति पूर्ण शैक्षिक कैलेंडर का सुधारा जाना और शिक्षकों की समस्याओं के लिए शिकायत समिति का गठन किया जाना जैसी अनेक मागे शामिल है। प्रशासनिक भवन के सामने आयोजित धरना प्रदर्शन में विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के पदाधिकारियों, पूर्व पदाधिकारियों एवं अन्य शिक्षक नेताओं ने सेवा संबंधी विसंगतियों के निवारणार्थ अपने वक्तव्यों को साझा किया।
आक्टा के अध्यक्ष डॉ. विजय प्रताप सिंह और महामंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के नेतृत्व एवं फुपुक्टा के आह्वान में यह धरना-प्रदर्शन आयोजित किया गया। वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार, डॉ. अवधेश प्रताप सिंह, डॉ. संतलाल,
कोषाध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार विश्वविद्यालय प्रतिनिधि डॉ.
आशुतोष सिंह, डॉ. शिव बहादुर तिवारी के नेतृत्व में
शिक्षकों ने अपनी सक्रिय उपस्थिति के माध्यम से सरकार तक अपना सदेश प्रेषित किया। इस धरना-प्रदर्शन के अवसर पर स्ववित्तपोषित व्यवस्था के अंतर्गत अध्यापन करने वाले शिक्षक साथी भी शामिल हुए।
धरना प्रदर्शन में आक्टा के पदाधिकारियों सहित ऑक्टा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सुशील सिंह, पूर्व महामंत्री डॉ. हेमंत कुमार सिंह, डॉ. जनमेजय तेगारी साकेत, डॉ. शिवशरण शुक्ल, डॉ. अनुराग मिश्र, साकेत, डॉ. वी. के. सिंह, साकेत, डॉ. अरविंद शर्मा, साकेत, डॉ. राम समुझ सिंह, गोण्डा, डॉ. जय मंगल पाण्डेय, डॉ. सत्य प्रकाश त्रिपाठी, अंबेडकर नगर, डॉ. जय शंकर तिवारी, गोण्डा, डॉ इंद्रमणि, सुल्तानपुर, डॉ. चमन कौर, गोण्डा, डॉ. अमन चंद्रा, गोण्डा, डॉ. रेखा शर्मा, गोंडा, डॉ. संतोष श्रीवास्तव, गोण्डा, डॉ. मनीष शर्मा, गोण्डा ने धरना स्थल पर अपने मूल्यवान विचार साझा किए। इन वक्ताओं ने एकमत से कहा कि प्रदेश सरकार को जागना होगा, हमारी मांगें माननी होगी अन्यथा सरकार को जाना होगा।
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