अखिलेश की स्पेलिंग नही बता पाई समाजवादी पार्टी की ये नेता
जहाँ एक तरफ देश मे चपरासी जैसे छोटे से पद पर नियुक्ति के की लिये शैक्षिक योग्यता की अनिवार्यता है वही दूसरी ओर देश और प्रदेश का संचालन करने के लिये संवैधानिक पद पर आरूढ़ होने के लिये किसी भी शैक्षिक योग्यता का निर्धारण न होना अपने आप मे चिंतनीय विषय है, हालांकि इस मांग को लेकर समय समय पर आवाज भी उठती रही है लेकिन न तो इसके लिये सरकारे ही गंभीर नज़र आ रही है और न ही संवैधानिक संस्थाए जिसका प्रमाण समय समय पर विभिन्न राजनैतिक पार्टियों के प्रत्याशियों और उनके नेताओं द्वारा सामने आता रहता है !
अभी कुछ ही दिन पूर्व प्रदेश के गोण्डा जनपद के मनकापुर विधानसभा से बहुजन समाज पार्टी के घोषित प्रत्याशी श्याम नारायण कोरी ने भी कुछ ऐसा ही बयान दिया जिससे ये बात साबित हो गई कि राजनैतिक पार्टियों के लिये योग्यता का मायने जीरो है, नामांकन करने के बाद श्री कोरी से जब मीडियाकर्मियों ने अपने सवाल में ये पूछा कि एमएलए का क्या मतलब होता है तो श्री कोरी बगले झांकने लगे, वही सोशल मीडिया में एक और वीडियो वायरल हो रहा है जिसमे समाजवादी पार्टी की एक महिला अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नाम का स्पेलिंग तक बताने में अक्षम दिख रही है !
मीडियाकर्मियों द्वारा जब इस महिला समाजवादी नेता से ये पूछा गया कि अखिलेश की स्पेलिंग बताओ तो महिला नेता अटक अटक कर स्पेलिंग बताने लगी और वह भी पूरी तरह से गलत, महिला नेता अखिलेश की क्या स्पेलिंग बता रही है वीडियो में बड़ी आसानी से देखा जा सकता है !
इस तरह के नेता और उनकी पार्टी जहां एक तरफ़ पार्टियों की नीतियों पर सवाल लगा रहे है वही दूसरी ओर देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर भी प्रश्न चिन्ह खड़े कर रहे है कि जब ऐसे लोग किसी तरह येन प्रकरण चुनकर विधान सभा या लोकसभा में पहुंच जाएंगे तो देश या प्रदेश का संचालन किस तरह करेंगे और विदेशों में भारत की छवि किस तरह प्रदर्शित करेंगे !
ऐसे नेताओं और उनकी पार्टियों के कर्ताधर्ताओं की कार्यप्रणाली देख कर यही कहा जा सकता है कि ग़ज़ब पार्टी के अज़ाब नेता