कार्यवाही की जगह समर्थन और बचाव करते दिख रहे तहसीलदार
शासन प्रशासन की लापरवाही डाल रही गरीबों के जेब पर डाका
धानेपुर (गोण्डा) ! जिले में जमे भ्रस्ट कर्मचारियों की करनी शासन और प्रशासन के उन दावों को सिरे से ढपोरशंखी साबित कर रहा है जिसमे प्रदेश के मुखिया से लेकर जिले के मुखिया तक गला फाड़ फाड़ कर बार बार जनता को भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश देने का दावा करते दिखाई देते हैं ! हालांकि जिले में कुछ समय के लिये भ्रस्ट लेखपालों पर उस समय लगाम लगी थी जब पूर्व जिलाधिकारी श्री शाही ने अपनी ताबड़तोड़ कार्यवाही के चलते भ्रस्ट लेखपालों में भय का माहौल पैदा कर दिया था, लेकिन चुनावों के दौरान उनका स्थानांतरण होने के बाद प्रशाशनिक अकर्मण्यता के चलते इन्हें पुनः अपनी पूर्व की कार्यशैली को अपनाने का मौका मिल गया !
जी हाँ वायरल हो रहे वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि विगत थाना दिवस में मौजूद लेखपाल हरिशंकर सिंह एक व्यक्ति से थाने के अंदर ही रिश्वत ले रहे है !
इस मामले में सबसे खास बात तो ये है कि रिश्वतखोर लेखपाल के वीडियो के वायरल होने के लगभग 24 घंटे बाद तहसीलदार राजीव मोहन सक्सेना से की गई कार्यवाही की जानकारी के लिये संपर्क किया गया तो उन्होंने चौकाते हुए बताया कि अभी जानकारी नही मिल पाई है कि मामला क्या है, इतना ही नही उन्होंने एक तरह से भ्रष्टाचार को समर्थन तथा भ्रस्ट लेखपाल हरिशंकर सिंह का बचाव करते हुए कहा कि अभीतक जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक खसरा वैगेरह देने पर कुछ शुल्क देना पड़ता है उसी का पैसा लिया गया होगा !
प्रकरण के 24 घंटे से अधिक बीत जाने के बाद भी जिम्मेदारों के पास प्रकरण की पूरी और तथ्यात्मक जानकारी न होना इस बात को प्रमाणित करता है कि भ्रष्टाचार को लेकर प्रशासन कितना गंभीर है, और इस पर लगाम लगाने की उसकी मंशा केवल बैठकों में बयान जारी कर उन्हें मीडिया की सुर्खियों में लाने तक ही है
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