जिलाधिकारी कार्यालय में काम करते हैं दबंग के दो भाई, मिल रही उनकी शह
अधिकारियों ने डाले कान में तेल, झाड़ रहे पल्ला
संतकबीरनगर। जिले के मगहर कस्बे में एक दबंग सपा नेता के द्वारा जबरिया अपने पट्टीदारेां की जमीन पर अवैध निर्माण कराया जा रहा है। स्थिति यह है कि इस मामले में न्यायालय में मुकदमा विचाराधीन होने के बाद भी पीडि़त की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। बताया जाता है कि इस दबंग सपा नेता के दो भाई जिलाधिकारी कार्यालय में काम करते हैं, जिनकी शह पर वह वहां पर अपनी दबंगई कायम किए हुए है। नतीजा यह है कि पीडि़त पक्ष की सुनवाई ही नहीं हो पा रही है।
नगर पंचायत मगहर क्षेत्र के चूड़ी फरोश मुहल्ले के निवासी अफजल खां की एक जमीन सूती मिल चौराहे के पास है। उसी के बगल में सटे नियाज अहमद की जमीन है। इस जमीन को लेकर अफजाल का नियाज अहमद से मुकदमा वर्ष 2016 से ही चल रहा है। इस मामले में आगामी 5 जुलाई को तारिख पेशी नियत है। इस जमीन पर न्यायालय ने स्टे भी दिया था। लेकिन पिछले दिनों स्टे खारिज हो गया। इसके बाद नियाज अहमद के बेटे और सपा नेता सेराज अहमद खां ने इस जमीन पर निर्माण कराना शुरु कर दिया। अफजाल ने जब विरोध किया तो दोनो पक्षों के बीच 10 मई को विवाद भी हुआ। इसके बाद स्थानीय पुलिस ने दोनों पक्षों को शान्ति भंग में चालान कर दिया। जमानत कराने के बाद सरकश और दबंग सेराज अहमद खां ने इस जमीन पर फिर निर्माण कराना शुरु कर दिया। पीडि़त अफजाल जब मामले को लेकर मुकामी पुलिस चौकी पर गया तो पुलिस ने न्यायालय का मामला बताकर पल्ला झाड़ लिया। दबंग सपा नेता के दो भाई डीएम कार्यालय में तैनात हैं, इसके चलते वह बेखौफ अपना काम कर रहा है। प्रश्न यह उठता है कि योगी राज में भूमाफिया और दबंगों पर इसी तरह से नकेल कसी जाएगी।
दोनों पक्षों का हो चुका है शान्ति भंग में चालान
इसी जमीन पर निर्माण को लेकर दोनों पक्षों में पिछले 20 मई को आपस में कहा सुनी भी हुई थी। इस मामले में पुलिस ने दोनो पक्षों को 151 में चालान कर दिया। जमानत कराने के बाद दबंग फिर से निर्माण कराना शुरु कर दिया। जबकि दूसरा पक्ष 151 में चालान होने के भय से निर्माण कराने वालों को रोक भी नहीं पा रहा है, लेकिन अगर यही स्थिति रही और दबंग ने निर्माण नहीं रोका तो कभी भी यहां पर बलवा वाली स्थिति पैदा हो सकती है।
एक तरफ योगी का निरीक्षण, दूसरी ओर दबंग करा रहा निर्माण
उक्त दबंग सपा नेता की स्थिति यह है कि मगहर कस्बे में 1 किलोमीटर की दूरी पर ही प्रदेश के मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ का कबीर निर्वाण स्थली पर निरीक्षण चल रहा था और दूसरी तरफ दबंग अपना निर्माण करा रहा था। आखिर कोई भी व्यक्ति इस तरह का दबंग कैसे हो सकता है कि कस्बे में मुख्यमन्त्री हों और वह बेखौफ होकर निर्माण कराए। दबंग के द्वारा कराए जा रहे इस निर्माण को लेकर क्षेत्र में तरह तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं।
डीएम व एसपी सभी के यहां लगा चुका है गुहार
इस मामले को लेकर वह स्थानीय पुलिस चौकी से लेकर जिलाधिकारी व एसपी के यहां भी अपनी गुहार लगा चुका है। जब उसने विगत सोमवार को डीएम के यहां इस बात की गुहार लगाई तो डीएम ने कहा कि मुकदमा चल रहा है, स्टे खारिज हो गया है तो वह इस मामले में कुछ नहीं कर सकती हैं। यह न्यायालय का मामला है। वहीं एसपी के यहां जाने के बाद एसपी ने फोन करके स्थानीय दारोगा से पूछा, दूसरी तरफ से क्या उत्तर मिला कि वहां से भी कोई कार्यवाही नहीं हुई।
स्टे खारिज होने पर दूसरे पक्ष को निर्माण का अधिकार मिल जाता है क्या
अगर कोई भूमि विवाद न्यायालय में विचाराधीन है, उस मामले में स्टे हो चुका है। इस बीच अगर कोई स्टे न्यायालय से खारिज हो जाता है तो क्या दूसरे पक्ष को उस जमीन पर निर्माण कराने का अधिकार मिल जाता है। वह भी उस स्थिति में जब उस मामले में मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन हो। क्या अगर दूसरे पक्ष के हित में फैसला आ जाता है तो उस निर्माण को तोड़ा जाएगा। अगर नहीं तोड़ा जाएगा तो न्यायालय में मुकदमा विचाराधीन होने के बाद भी निर्माण कराने का अधिकार किसी को कैसे मिल सकता है। यह एक विचारणीय प्रश्न है।
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