सीएमएस ने की लीपापोती, चिकित्सालय को दी क्लीनचिट
सरकारी चिकित्सक निजी अस्पताल का कर रही संचालन
गोण्डा।जिले के परसपुर थाना क्षेत्र के पूरे दौलत की रहने वाली एक महिला की डॉक्टर की लापरवाही के चलते महिला अस्पताल में मौत हो गयी। वह 32 वर्ष की थी।
जानकारी के अनुशार परसपुर के पूरे दौलत के रहने वाले भोले सिंह की 32 वर्षीय पत्नी नीरज सिंह को बेहद गंभीर हालत में दोपहर 12:50 पर महिला अस्पताल एम्बुलेंस के द्वारा लाया गया।जहां डॉक्टरों ने उसे जांच के बाद बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन शरीर मे खून की कमी के चलते उसकी मृत्यु हो गयी।
परिजनों के अनुशार नीरज सिंह का कल परसपुर में तैनात महिला बीयूएमएस डॉक्टर रेखा सिंह के द्वारा अपने निजी क्लिनिक पर अबॉर्शन किया गया था।जिसकी हालत बिगड़ने पर पहले उसे परसपुर सीएचसी पर भेज गया इसके बाद उसे बिना किसी कागजी कार्यवाही के उसे एम्बुलेंस के द्वारा आज दोपहर में महिला अस्पताल को रेफर कर दिया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी। इस घटना की अभी तक परिजनों ने कोई शिकायत नही की है।
घटना में हुई लापरवाही के बारे में बताते हुए सीएमएस महिला अस्पताल डॉक्टर सुषमा सिंह का कहना है कि बीयूएमएस डॉक्टर के द्वारा महिला की कोई जांच नही कराई गई है।जबकि वह एनेमिक थी।यदि उसकी ब्लड जांच हो गयी होती तो उसे किसी विशेषज्ञ के पास भेज कर उसका बेहतर ढंग से इलाज किया जा सकता था।
उन्होंने यह भी बताया कि परसपुर से महिला अस्पताल तक महिला को भेजे जाने में नियमो की अनदेखी की गई।उसे रेफर किये बिना ही डॉक्टर से बात कराकर एम्बुलेंस के द्वारा बिना किसी लिखापढ़ी के मुख्यालय भेज गया है।घटना के बारे में परसपुर एमओआईसी व मुख्य चिकित्साधिकारी को सूचना दे दी गयी है।
यह घटना स्वास्थ विभाग के अंदर जड़ तक फैली अव्यवस्था को उजागर करती है।साथ कई प्रश्न भी।
आखिर परसपुर में तैनात चिकित्सक रेखा सिंह अपनी प्राइवेट क्लिनिक कैसे चला रही हैं?
बीयूएमएस डॉक्टर गर्भपात जैसे गैरकानूनी अपराध को बिना किसी संरक्षण के कैसे चला रही हैं?
उन्होंने महिला मरीज को रेफर करते समय रेफरल पर्चा क्यों नही दिया?
आये दिन स्वास्थ्य विभाग में घट रही घटनाओं पर कोई ठोस कार्यवाही आखिर क्यों नही हो रही है?
विभाग कुछ करे या न करे लेकिन एक परिवार आज विभाग के डॉक्टर की लापरवाही से उजड़ गया।जिसकी भरपाई मुमकिन ही नही है।
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