गोंडा। श्री लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय में पुरातन छात्रों का संगमन कार्यक्रम संपन्न हुआ। वर्ष 1998 बैच के विज्ञान संकाय के स्नातक-परास्नातक कर चुके छात्र-छात्राओं ने महाविद्यालय के ललिता शास्त्री सभागार में एकत्र होकर महाविद्यालय में छात्र-जीवन से जुड़ी हुई अतीत की स्मृतियों को साझा किया और महाविद्यालय की प्रगति के लिए अपनी संकल्पनाएं प्रस्तुत कीं। दो दर्जन से अधिक वे पूर्व विद्यार्थी ‘एलुमिनी रीयूनियन-2022’ में शामिल हुए, जो विभिन्न उच्च पदों पर कार्य करते हुए महाविद्यालय का मान बढ़ा रहे हैं। इस अवसर पर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद में रिसर्च एसोशिएट डॉ. सारिका श्रीवास्तव ने कहा कि चौबीस साल बाद एल.बी.एस. कॉलेज में आने पर विद्यार्थी जीवन की ढेर सारी स्मृतियाँ ताजी हो गई हैं। हमें अपने महाविद्यालय के लिए बहुत कुछ करना है।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि महाविद्यालय प्रबंध समिति की उपाध्यक्ष वर्षा सिंह ने पुरातन विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि बीते वर्षो में महाविद्यालय ने प्रगति की है और आगामी वर्षों में कई स्तरों पर गुणवत्ता की वृद्धि की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह महाविद्यालय जितना हमारा है, उससे अधिक आप लोगों का है। आप सभी पूर्व छात्र-छात्राएँ देश-दुनिया के अलग-अलग स्थानों पर उत्कृष्ट सेवाएं दे रहे हैं, यह हम सबके लिए गौरव की बात है। आप जब भी आएँगे, आपके अपने महाविद्यालय में आपका हमेशा स्वागत रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि मेरी दृष्टि में यह मायने नहीं रखता कि कौन कितने उच्च पद पर कार्य कर रहा है, सर्वाधिक महत्वपूर्ण है, उसका आनंदपूर्ण जीवन जीना।
कॉलेज प्रबंध समिति के सचिव उमेश शाह ने कहा कि किसी भी शिक्षण-संस्था से निकलकर विद्यार्थी जब विभिन्न क्षेत्रों और सेवाओं में योगदान देते हैं, तो वे सभी संबंधित संस्था की उपलब्धि और गर्व का विषय होते हैं। उन्होंने महाविद्यालय के विकास के लिए पुरातन छात्रों का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आप जिस तरह से महाविद्यालय की प्रगति में योगदान देना चाहेंगे, आपका स्वागत होगा। हमें मिलकर महाविद्यालय को और ऊँचाई पर ले जाना है। इसके लिए महाविद्यालय के पुरातन छात्र विशेष भूमिका निभा सकते हैं।
महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र नाथ मिश्र ने इस अवसर पर संगमन के लिए आए पूर्व छात्रों के प्रति साधुवाद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। ऐसे समय में पूर्व छात्रों का महाविद्यालय के विकास में सहयोगी बनना आगामी शुभ भविष्य का द्योतक है।
प्रबंध समिति के सदस्य संजीव छाबड़ा ने पूर्व छात्रों के इस संगमन को प्रेरक, उत्साहजनक और महत्त्वपूर्ण कहा। उन्होंने कहा कि प्रबंध समिति महाविद्यालय के हित में पूर्व छात्रों के सुझाव को आमंत्रित करती है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो० रवीन्द्र कुमार ने पुरातन छात्रों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय के अनगिनत पूर्व छात्र-छात्राएँ उपलब्धि के शिखर पर हैं। कृषि, शिक्षा, चिकित्सा, न्याय, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, व्यवसाय, उद्यम, रक्षा, संरक्षा, रेल, परिवहन, सेना, पुलिस, अभियांत्रिकी, राजनीति, शासन-प्रशासन आदि से जुड़े तमाम पूर्व-छात्र महाविद्यालय के गौरव हैं। ऐसे सभी पूर्व छात्रों को संयोजित कर महाविद्यालय के प्रति अभिमुख करना हमारी प्राथमिकता होगी। डॉ. ममता शुक्ला, सहायक आचार्य, मनोविज्ञान विभाग ने सभी पूर्व विद्यार्थियों का स्वागत किया।
इस संगमन में डॉ. सारिका श्रीवास्तव, डॉ. अभय श्रीवास्तव, डॉ. अंजना शुक्ला, किरन सिंह, अजय प्रताप सिंह, रॉय पंकज, रूपसी सक्सेना, रेशमा ख़ातून, नीलम कौशल, रजनी सिंह, शशि श्रीवास्तव, डॉ. अजय गुप्ता, डॉ. हरीतिमा, बृजेश श्रीवास्तव सहित कई भूतपूर्व विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।
इस संगमन कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम गूगल मीट से दर्जनों पुरातन विद्यार्थी जुड़े, जिनमें प्रमुख नाम इस प्रकार हैं – शिल्पी श्रीवास्तव, अनिल सिंधी, देवेंद्र प्रताप सिंह, रचना उपाध्याय, केदारनाथ गुप्त, अंशुल सिन्हा, दीपक कुमार श्रीवास्तव, ज्ञान प्रभा शुक्ल, ज्योति यादव, यशवंत तिवारी और प्रियंका श्रीवास्तव।
कार्यक्रम का संचालन पुरातन छात्र-परिषद के सचिव प्रो. जय शंकर तिवारी ने किया।
You must be logged in to post a comment.