एक धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने गए थे नाशिक, वही हुआ देर रात्रि में निधन
कल होगी लखनऊ में उनकी अन्तेयष्टि
गोण्डा।जनपद के बाबू ईश्वर शरण जिला अस्पताल में तैनात रहे नेत्र सर्जन डॉक्टर विकास शेट्टी का कल देर रात्रि अचानक दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
वह 47 वर्ष के थे। वह अपने पीछे पत्नी डॉक्टर रागिनी सहगल शेट्टी, जो की डेंटल सर्जन है वेदांत हॉस्पिटल में व 16 वर्षीय बेटी मालवीय शेट्टी को छोड़ गए हैं।
मंगलवार को वह एक धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए त्र्यम्बकेश्वर नाथ मंदिर नाशिक गए थे, जहां आज बृहस्पतिवार को सुबह कार्यक्रम में उन्हें भाग लेना था लेकिन देर रात्रि जिस होटल में वह ठहरे थे वही उनका देहांत हो गया। इसकी सूचना डॉक्टर शेट्टी के साथ गए उनके एक सहयोगी गोविंद मिश्र ने फोन के द्वारा दी है। उन्होंने बताया कि रात्रि में सोते समय अचानक उन्हें एक झटका आया, वह देर रात्रि में ही उन्हें लेकर नाशिक के सिंगनेस हॉस्पिटल पहुंचा जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत्यु घोषित कर दिया।
गोविंद मिश्रा के अनुशार उनके पार्थिव शरीर को एम्बुलेंस के द्वारा पहले नाशिक से मुम्बई ले जाया जाएगा फिर वहां से वायुयान के द्वारा लखनऊ स्थित उनके निजी आवास गोमती नगर लाया जाएगा। अन्त्येष्टि शुक्रवार की सुबह की जाएगी।
डॉक्टर विकास शेट्टी के मृत्यु की सूचना सुबह 8 बजे के करीब जब जिला अस्पताल पहुंची तो लोग स्तब्ध रह गए। चिकित्साकर्मियों सहित आम जनमानस भी इस अविश्वसनीय सूचना को सुनकर स्तब्ध रह गया क्योंकि श्री शेट्टी अपने कार्यों और मधुर व्यवहार के चलते आम जनता में अपनी एक अलग पहचान स्थापित कर चुके थे !
किसी को इस बात का यकीन ही नही हो पा रहा था कि उनकी मृत्यु हो चुकी है। इसकी पुष्टि के लिए प्रमुख अधीक्षक ने स्वयं बात की तब कही जा कर लोगों को यकीन हुआ। आनन फानन में सभी कर्मचारियों को एकत्त्रित कर एक शोक सभा का आयोजन कर मृतक की आत्मा के लिए शान्ति की प्रार्थना की गई।
इस दुखद घटना पर अपना दुख व्यक्त करते हुए डॉक्टर के साथ काम करने वाले सहकर्मी नेत्र सर्जन डॉक्टर पी के श्रीवास्तव, नेत्र सर्जन डॉक्टर संजय शर्मा, ऑप्टोमेट्रिस्ट डॉक्टर मनोज श्रीवास्तव अपने कार्यकाल में उनकी यादों को साझा करते हुए भावुक हो उठे।
इलेक्ट्रिशियन जिला अस्पताल इस्लाम खान ने बताया कि उनकी मृत्यु से उन्हें गहरा आघात लगा है वह बेहद ही विन्रम व शालीन व्यक्ति थे। प्रमुख अधीक्षिका डॉक्टर इंदुबाला ने दुख व्यक्ति करते हुए इसे एक अपूर्णीय क्षति बताते हुए कहा कि वह कार्य के प्रति सदैव समर्पर्ण भाव रखते थे,ईश्वर उनके घर वालो को इस दुःख को सहने की शक्ति दे,उन्हें अपने चरणों मे स्थान दें।
दुख व्यक्ति करने वालो में डॉक्टर सोएब इक़बाल, डॉक्टर अनिल कुमार, डॉक्टर अखिलेश त्रिपाठी, डॉक्टर एम के गुप्ता, डॉक्टर समीर गुप्ता, डॉक्टर जमा खान, डॉक्टर आफताब आलम, डॉक्टर आर एस गुप्ता, डॉक्टर वी के गुप्ता, डॉक्टर वीसी गुप्ता, डॉक्टर अरुण मिश्रा, डॉक्टर अरुण मौर्य, डॉक्टर मनोज वर्मा, डॉक्टर जितेंद्र मिश्रा, फार्मासिष्ट जियाउर्रहमान, एस पी सिंह, एस के आजाद, एस एन पांडेय, बी डी सोनी, जीतेंन्द्र चौधरी, लिपिक पेशकार शुक्ला, प्रेम राज, राम किशुन सहित समस्त कर्मचारी शामिल रहे।
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