अज़ब ग़ज़ब उत्तर प्रदेश गोंडा स्वास्थ्य

स्वास्थ्य विभाग के इस अज़ब सौदे ने करोड़ों की मशीन को किया कबाड़

जिस फर्म की मशीनें उसी फर्म का रिजेंट करेगा काम, मशीन के बाद रिजेंट खरीदना भूल गया विभाग

गोंडा। जिले में स्वास्थ विभाग द्वारा संचालित जनहित कार्यों की अनदेखी कैसे की जाती है इसकी जीती जागती मिसाल है ।

सरकार द्वारा संचालित महत्वकांक्षी एनपीसीडीसीएस कार्यक्रम के तहत जिला महिला चिकित्सालय जिला पुरुष चिकित्सालय में एनसीडी लैब की स्थापना के साथ ही जिले की 16 सीएचसी केंद्रों पर भी लैब की स्थापना की गई थी।इसके तहत सभी केंद्रों पर पीयूसीटी फर्म के द्वारा वित्तीय वर्ष 2021/22 में लैब के लिए करोड़ों की जांच मशीनों, सीबीसी,बायो केमेस्ट्री एनालाईजर, ईएसआर एनालाइजर, कोगुलेशन एनालाइजर, इलेक्ट्रॉल एनालाइजर, मशीनों को लगाया गया था।

इन मशीनों से कोलेस्ट्रॉल, एसडीएल, एसजीपीटी, एसजीओटी, एल्ब्यूमिन यूरिया क्रेटिनिन, कैल्शियम, ग्लूकोज, कोरोना आदि की जांचें की जानी थी लेकिन इन मशीनों के संचालन के लिए जांच में प्रयोग होने वाले रीजेंट को वर्ष 2021 से लेकर अब तक खरीदा ही नहीं गया। जिसके चलते इन मशीनों का संचालन नही हो सका। रीजेंट उपलब्ध न होने के कारण जिले की जनता को सीएचसी केंद्रों से जांचों का लाभ।भी नहीं मिल सका। करोड़ों की मशीनें रीजेंट के अभाव में लैबों में पड़ी धूल फांक रही है। किसी तरह पुरानी कबाड़ हो चुकी मशीनों के द्वारा जांचे की जा रही है।

जिसकी मशीन उसी का रीजेंट

केंद्रों पर उपलब्ध जांच मशीनों के संबंध एक रोचक तथ्य यह भी है कि जिस फर्म के द्वारा मशीनें उपलब्ध कराई गई है,उसी।फर्म का रीजेंट इन मशीनों में कार्य करेगा यदि अलग किसी फर्म का रीजेंट प्रयोग किया जाता है तो मशीन काम नही करती। पहली नज़र में ही इस अजीबोगरीब सौदे में कहीं न कहीं बड़े पैमाने पर तत्कालीन अधिकारियों द्वारा किया गया भ्रष्टाचार दिखाई दे रहा है, एक सामान्य व्यक्ति भी इन परिस्थितियों को समझ सकता है कि यदि किन्ही कारणोंवश इस कंपनी का रिजेंट उपलब्ध नही रहा तो मशीन काम नही करेगी और जनता को उपलब्ध सुविधा उनतक नही पहुंच पाएगी, इस तथ्य को जानते हुए भी इस सौदे को स्वीकृति तो दी ही गई मशीनों को क्रय भी कर लिया गया। खास बात तो ये है कि इस संबंध में तत्कालीन मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर आर एस केशरी ने इसके लिए प्रत्येक सीएचसी को 30,000 आवंटित भी किया था लेकिन किसी अन्य फर्म के द्वारा खरीद किए गए रीजेंट ने काम नही किया।फर्म के द्वारा रीजेंट न खरीदने के कारण मशीनें धूल खा रही हैं।

जिले भर में स्वास्थ केंद्रों पर स्थापित एनसीडी लैबों में धूल खा रही जांच मशीनों के संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर रश्मि वर्मा से रीजेंट की उपलब्धता को लेकर जब बात की गई तो उन्होंने बताया की उन्हे इसकी जानकारी कुछ।रोज पहले ही हुई है। मालूम होते ही संबंधित फर्म के इंजीनियर को बुलाया गया,और जरूरी निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने आगे बताया कि रिजेंट खरीद के लिए उनके पास 4,00000 चार लाख उपलब्ध है। हालंकि यह एक छोटा अमाउंट है लेकिन फिलहाल मेरी प्राथमिकता है की पहले बेसिक जांचे शुरू हो सके। इसके लिए प्रत्येक सीएचसी पर रीजेंट उपलब्ध कराने के लिए निर्देश संबंधित फर्म को दे दिए गए हैं।जानकारी में यह भी आया था कि रिजेंट खरीद के लिए 30,000000 तीस लाख की आवश्यकता होगी, लेकिन मेरे पास जो बजट है पहले उसका उपभोग हम करेंगे। आवश्यकता पड़ने पर हम और अधिक बजट की डिमांड करेंगे। इस बात को लेकर जितने भी आवश्यक खानापूर्ति होती है कर ली गई है।एक सप्ताह में सभी केंद्रों पर जांचे शुरू हो जाएंगी।

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अशफ़ाक़ शाह

(संवाददाता)

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