उत्तर प्रदेश गोंडा लाइफस्टाइल शिक्षा

ऐतिहासिक नोटबन्दी के 6 वर्ष, प्रेस कांफ्रेंस कर महाविद्यालय बताएगा क्यों किया था समर्थन

गोण्डा। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया था। उस समय उत्तर प्रदेश में सपा सरकार थी। नोटबंदी के ऐतिहासिक निर्णय को जन विरोधी एवं गलत निर्णय बताकर बैंक की लाइनों में लगे नागरिकों को उक्त निर्णय के विरोधियों द्वारा उकसाने का कार्य किया जा रहा था।
स्थानीय स्तर पर महाविद्यालय के आसपास के चार-पांच बैंकों की भीड़ को लगातार नोटबंदी के निर्णय के विरुद्ध लामबंद करने की योजना संचालित हो रही थी।

महाविद्यालय के शिक्षकों में आम सहमति थी कि नोटबंदी का यह ऐतिहासिक निर्णय है। इस निर्णय से देेश की बहुत सारी समस्याओं पर एक साथ अंकुश लगेगा।भ्रष्टाचार पर विराम लगेगा।

नोटबंदी के समर्थन में शिक्षक संघ ने एक राष्ट्रीय साहसिक निर्णय लिया और अपने शिक्षक एवं नागरिक दायित्वों के निर्वहन के लिए महाविद्यालय परिसर से बैंकों के समक्ष होते हुए तिरंगा रैली निकाली। रैली के माध्यम से नागरिकों को यह संदेश दिया कि प्रधानमंत्री द्वारा नोटबंदी का लिया गया निर्णय नए भारत के निर्माण में केंद्रीय भूमिका का निर्वहन करेगा। भ्रष्टाचार मुक्त नए भारत की रचना इसी नोटबंदी के निर्णय से निकलकर आएगी । तिरंगा रैली में शिक्षक संघ के साथ महाविद्यालय परिवार की विपरीत परिस्थितियों में भी बड़े उत्साह एवं ऊर्जा के साथ सहभागिता रही।

श्री लालबहादुर शास्त्री महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष शैलेन्द्र नाथ मिश्र ने बताया कि आज अवसर है कि शिक्षक संघ इस बात का खुलासा करे कि उसने नोटबंदी का समर्थन क्यों किया था?

इस बात का मूल्यांकन किया जाना चाहिए कि नोटबंदी ने देश को कितना मजबूत किया है ? देश की अंदरूनी समस्याओं के संदर्भ में नोटबंदी की क्या भूमिका रही है? जीवन के किन-किन क्षेत्रों में नोटबंदी की सकारात्मकता सामने आ पाई है? 2016 के बाद विभिन्न ज्ञानानुशासनों के अपने सहयोगियों के साथ व्यापक रूप से छात्र-छात्राओं एवं युवाओं के व्यक्तिगत सर्वेक्षण एवं सूक्ष्म पर्यवेक्षण से प्राप्त शोध निष्कर्षों का संचयन किया है। भारत में नोटबंदी के ऊपर देश और विदेश के तमाम बुद्धिजीवियों, विशेषज्ञों, अर्थशास्त्रियों, समाजशास्त्रियों, राजनीतिज्ञों द्वारा सकारात्मक और नकारात्मक परिणामों की घोषणा की गई है।

नोटबंदी के ऊपर महाविद्यालय के शिक्षकों एवं शोधार्थियों द्वारा किया गया अध्ययन का प्रतिफलन अद्भुत है। कभी-कभी कोई निर्णय जिस क्षेत्र के लिए लिया जाता है, उस क्षेत्र से ज्यादा कहीं दूसरे क्षेत्रों में उसका दबाव प्रभाव देखा जाता है। नोटबंदी के सिलसिले में कुछ ऐसा ही परिणाम श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज, गोंडा को प्राप्त हुआ है। हमारे शोध स्थानीय परिवेश में किए गए हैं। शोध की मूल सामग्री एवं घटक पूरे देश में एक जैसे हैं। गोंडा जनपद के आधार पर प्राप्त शोध निष्कर्ष पूरे देश के होने चाहिए ऐसी संभावना ही नहीं प्रबल विश्वास है।

महाविद्यालय द्वारा प्राप्त निष्कर्षों का खुलासा 10 नवंबर को अपराह्न 4:00 श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज के प्रांगण में स्थित स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा के सम्मुख प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से किया जाएगा ।

श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज गोंडा भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री की स्मृति एवं वैचारिकी पर आधारित है। श्री शास्त्री का गौरव भारत के प्रधानमंत्रियों में अति महत्वपूर्ण रहा है। इतने बड़े व्यक्तित्व के तप, त्याग, आदर्श का इस महाविद्यालय पर हमेशा प्रभाव रहा है। उन्हीं के आदर्शों के छांव तले हमारा विकास हुआ है। गोंडा महाराजा देवीबख्श सिंह की स्वातंत्र्य चेतना का साक्षी है। वे देश में गोंडा के अंतिम स्वतंत्र शासक रहे हैं, जिनके पराक्रम के कारण अंग्रेजों को इस भूमि पर 1856 में विजय पाने में सफलता प्राप्त हुई। इसके पूर्व अंग्रेज अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सके। किंतु उसी समय 1857 में इसी प्रांत से, इसी भूमि से प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत हुई और यहां की जनता अपने राष्ट्रीय दायित्व के प्रति समर्पित हो गई। अतः यह स्वत: प्रमाणित है कि यह धरती मानसिक रूप से कभी गुलाम नहीं रही।

1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद जब 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू किया गया। उस काल से यहां के नागरिकों की चेतना मातृभूमि पर समर्पण के साथ ही राष्ट्रीयता से पूरित होकर अपने नागरिक दायित्वों के प्रति सचेत रहने की रही है।
देश के स्वतंत्र माहौल में संस्थापित होने, राष्ट्रीय विभूति भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की स्मृति में होने, जनपद के प्रथम लोक सेवक जिलाधिकारी द्वारा मुख्यालय पर स्थापित होने, लोकतांत्रिक प्रबंध समिति द्वारा संचालित होने, प्रबंध तंत्र की उपाध्यक्ष एवं सचिव द्वारा किए जा रहे सम्यक देखभाल जैैसी अद्वितीय विशेषताओं के साथ ही मूल विशेषता भारत के अद्वितीय प्रधानमंत्री से जुड़े होने के कारण ही प्रधानमंत्री के कार्यालय द्वारा (PMO) इस महाविद्यालय का विशेष संज्ञान लेना चाहिए तथा महाविद्यालय के विकास के लिए विशेष प्रावधान किए जाने चाहिए।

राष्ट्रीय भावना की अंत:सलिला के अजस्र रूप से प्रवाहित होने के कारण महाविद्यालय अपने वैचारिकी में हमेशा राष्ट्रीय स्तर की सोच एवं कर्तव्य भावना रखते हुए वैसा ही निर्णय लेने के लिए जाना जाता है। महाविद्यालय की स्वर्णिम परंपराओं में शिक्षक संघ का अपना विशेष स्थान रहा है। रचनात्मक कार्यक्रम और रचनात्मक प्रतिरोध उसकी अपनी निजी विशेषता रही है।


इन्हीं में से एक राष्ट्रीय कार्यक्रम नोटबंदी का देश में सार्वजनिक तौर पर प्रथम समर्थन शिक्षक संघ श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज गोंडा, उत्तर प्रदेश द्वारा किया गया था । जिसका स्थानीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर मीडिया द्वारा संज्ञान लिया गया था। महाविद्यालय हमेशा संघर्षों में रहा है।

यह संघर्ष अधिनायकवाद, सामंतवाद पूंजीवाद एवं तानाशाही के विरुद्ध लोकतांत्रिक मूल्यों की रही है।
आज अवसर है कि महाविद्यालय शिक्षक संघ के पास नोटबंदी के ऐतिहासिक निर्णय के देश में सार्वजनिक तौर पर प्रथम समर्थन एवं कालांतर में प्राप्त अद्भुत शोध निष्कर्ष ( सुदामा के दो चावल) धरोहर के रूप में सुरक्षित है।

जिसे प्रधानमंत्री के ल चरणों में समर्पित कर उत्तर प्रदेश की उच्च शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त एक भयंकर विसंगति का वरदान के रूप में समाधान कराया जा सकता है।

उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा की तमाम भयंकर विसंगतियों में एक विसंगति है कि अनुदानित कॉलेजों में सेल्फ फाइनेंस कोर्सों का संचालन किया जा रहा है। एक ही महाविद्यालय में ‘दो विधान : एक स्थान’ की पीड़ा अब लाइलाज हो रही है। समान योग्यता के साथ एक ही कार्य करते हुए एक ही कैंपस में अलग-अलग वेतन क्रम जहां संवेदना को झकझोर देता है। वहीं छात्रों का फीस स्ट्रक्चर के अंतराल आंखों में आंसू ला देता है। एक ही महाविद्यालय में शिक्षक और छात्रों के मध्य धरती और आसमान का फर्क दिखाई पड़ता है।

प्रधानमंत्री का जोर हमेशा इस बात पर रहा है :-

“एक देश : एक विधान”।

इसी आदर्श आचरण योग्य कथन के आधार पर हम माननीय प्रधानमंत्री जी से अपेक्षा कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में “एक महाविद्यालय : एक विधान” लागू करा कर अपना विशेष आशीर्वाद इस संस्थान को देने की कृपा करें।

अतः शिक्षक संघ 10 नवंबर 2022 अपराह्न 4:00 बजे नोटबंदी के समर्थन की समीक्षा करते हुए प्रधानमंत्री से एक ऐतिहासिक निर्णय की अपेक्षा करता है कि उत्तर प्रदेश में अनुदानित महाविद्यालयों में सेल्फ फाइनेंस कोर्सेज को अनुदानित करते हुए इसके नियुक्त प्राध्यापकों का विनियमितीकरण करके इस समस्या का स्थाई समाधान कर उत्तर प्रदेश की उच्च शिक्षा व्यवस्था को बचाया जा सकता है। उत्तर प्रदेश में 7000 से अधिक महाविद्यालय हैं, जबकि प्रस्तुत समस्या का संबंध कुल 331 महाविद्यालयों से है। इन 331 महाविद्यालयों के स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों और स्ववित्तपोषित शिक्षकों को अनुदानित एवं विनियमित करने का कार्य प्रदेश की उच्च शिक्षा व्यवस्था गहरी रचनात्मक लकीर खींचने में समर्थ रहेगा। जिससे उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा संस्थानों में व्याप्त जमीन- आसमान की असमानता का व्यावहारिक समाधान संभव हो सकेगा।

About the author

राजेंद्र सिंह

राजेंद्र सिंह (सम्पादक)

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