कई दरोगाओं सहित जिले के एस पी पर भी लगा है बड़ा आरोप
कमिश्नर ने दिए जाँच के आदेश
कानपुर। वैसे तो उत्तरप्रदेश पुलिस में व्याप्त भ्रस्टाचार किसी से भी छुपा नहीं है, तहरीर देना हो या फिर मुकदमा दर्ज कराना हो बिना रिश्वत के बड़े तो छोड़िये छोटे छोटे काम भी होना असंभव है, लेकिन जो मामला अब सामने आया है वो तो अन्तरविभागीय है जिसमे अपने ही कर्मचारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग को लेकर वसूली किये जाने की बात प्रकाश में आ रही है। खास बात ती ये है की इसका खुलासा विभागीय पीड़ित कर्मचारियों ने ही किया है जिसमे कई दरोगा और एस पी तक पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। हालांकि कमिश्नर ने पूरे मामले की जाँच के आदेश दे दिए हैं।
अपने आप में बेहद ही चौकाने वाला ये मामला कानपुर का है, शहर के कुछ क्षेत्रों में इस तरह के पोस्टर चिपकाये गए हैं जिनमे डायल 112 के दरोगा हंसाराम, ओमप्रकाश तथा नोडल अधिकारी/एस पी राहुल मिठास पर आरोप लगाए गए हैं, खास बात तो ये है की इसमें पूर्व एस पी बसंत लाल को भी आरोपित करते हुए बताया गया है की ये भ्रस्टाचार उनके ही कार्यकाल में शुरू किया गया है।
पुलिस विभाग में हड़कंप मचाने वाले ये पोस्टर मंगलवार को लोगो के सामने आये जिन्हे नौबस्ता थाने से लेकर भाजपा कार्यालय की दीवालों पर चिपकाये गए हैं।
उत्तरप्रदेश पुलिस पर लग रहे इस बदनुमा दाग़ पर हरकत में आये कमिश्नर बी पी जोगदंड ने आनन फ़ानन में मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसीपी मुख्यालय रवीना त्यागी को पूरे मामले की जांच कर 4दिन में रिपोर्ट देने के आदेश दे दिए हैं, आदेश मिलते ही रवीना त्यागी ने आरोपित दरोगाओं से पूछताछ भी शुरू कर दी है।
मामले पर जहाँ आरोपितों ने आशा के अनुरूप सभी आरोपों को निराधार बताया वहीं अधिकारियो का कहना है की जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसी अनुरूप कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
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