गोपालगंज (बिहार)। वैसे तो अपनी अराजकता और ध्वस्त कानून व्यवस्था के लिए बिहार पिछले कई दशकों से देश का सिरमौर बना हुआ है, जेडीयू और भाजपा की सरकार आने के बाद जनता को ये उम्मीद बँधी थी की शायद अब बिहार की छवि में कुछ सुधार हो लेकिन भाजपा को झटका देकर आरजेड़ी की गोद में बैठ जाने की नीतीश की चाल ने बिहार वासियों की इस उम्मीद पर पानी फेर दिया। विगत रविवार को सामने आई एक घटना ने इन बातो को उस समय पुख्ता कर दिया ज़ब जेल में बंद एक कैदी की पेट की जाँच के दौरान उसमें मोबाइल फोन होने की बात सामने आई।
हैरान करने वाली ये घटना जिले के कारागार में निरुद्ध कैदी कैंसर अली के साथ घटी जिसके द्वारा की गई पेटदर्द की शिकायत पर ज़ब उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया और वहां उसकी जांच की गई तब पता चला की उसके पेट में एक मोबाइल फोन है।
दरअसल शनिवार को अधिकारीयों ने जेल का निरिक्षण किया था उस दौरान कैसर अली ने अपने पास मौजूद मोबाइल को इस लिए निगल लिया की कहीं अधिकारी उसके मोबाइल को कहीं जब्त न कर ले, मोबाइल के पेट में होने के चलते कैसर को रविवा को भीषण पेटदर्द हुआ जिसके चलते उसे अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।
अस्पताल के चिकित्सक सलाम अली के अनुसार कैदी कैसर को पेटदर्द की शिकायत पर भर्ती कराया गया है, जांच में उसके पेट में मोबाइल फोन होने की जानकारी सामने आई है।
वहीं जेल अधीक्षक मनोज कुमार के मुताबिक कैसर ने साथी कैदियों को बताया जिसके बाद उसे भर्ती कराया गया। चिकित्सक अधिकारीयों के अनुसार कैसर को पटना मेडिकल कालेज भेजा जा रहा है जहाँ उसकी शल्य चिकित्सा कर मोबाइल को निकला जायेगा।
ज्ञात हो की विगत दिनों अधिकारीयों की जेल में छापेमारी के दौरान जिस तरह से अवैध वस्तुओं की बरामदगी की गई है वह आश्चर्यजनक है। जो बताता है की जेल सहित पूरे बिहार की कानून व्यवस्था किस तरह ध्वस्त हो चुकी है।