अमेरिका के तीन बैंकों के डूबने के बाद पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है। अमेरिका के बाद स्विट्जरलैंड के क्रेडिट सुइस बैंक पर भी खतरा मंडरा रहा है।
इन सबका असर जहां पूरी दुनिया के शेयर बाजारों पर हो रहा है।पूरी दुनिया के शेयर बाजार दबाव में हैं क्योंकि शेयर बाजार बहुत कुछ सेंटीमेंट पर निर्भर करते हैं।
लेकिन भारत के बैंकों पर इसका कोई असर नहीं हो सकता। क्योंकि भारत में रिजर्व बैंक द्वारा निगरानी और बैंकों द्वारा सही निवेश के कारण बैंकों की स्थिति मजबूत है।
विश्व में हो रही घटनाओं के कारण देश के बैंकों के खाता धारकों को किसी तरह की घबराहट, डर या दबाव में नहीं आना चाहिए। इसके लिए सरकार को खाता धारकों को भरोसा दिलाने की जरूरत है।
इसके साथ ही जहां बैंकों द्वारा 5 लाख तक की जमा पर गारंटी की सुविधा को बढ़ाया जाये या एक डिपॉज़िट बीमा योजना को शुरू किया जाये ताकी जमाकर्ता अपनी जमा राशि की बीमा पॉलिसी ले कर अपनी जमा को सुरक्षित महसूस कर सकें।
वॉयस ऑफ बैंकिंग ने इस तरह की डिपॉज़िट बीमा योजना का सुझाव वित्त मंत्री को बजट के समय भेजा था। इस तरह की बीमा योजना समय की मांग है।
अशवनी राणा
फाउंडर
वॉयस ऑफ बैंकिंग