राज्यों सहित लोकसभा निर्वाचन में गठबंधन के लिए खड़ी हो सकती है मुश्किल
लखनऊ। 26 पार्टियों के विपक्षी गठबंधन I. N. D. I. A आज उस समय बड़ा झटका लगा ज़ब बसपा प्रमुख मायावती ने किसी भी गठबंधन में शामिल होने से इंकार कर दिया जबकि गठबंधन द्वारा इस बात का ढिंढोरा पिछले काफ़ी समय से पीटा जा रहा था की मायावती से गठबंधन में शामिल होने को लेकर बात हो चुकी है जल्द ही वे हमारा हिस्सा होंगी।
इतना ही नहीं विपक्षी गठबंधन इस बात के भी दावे ठोक रहा था की अकाली दल के साथ एनडीए में शामिल कुछ दल भी हमारे साथ आएंगे। मायाबती की घोषणा ने जहाँ गठबंधन के दावों की पोल खोली वही इस बात का भी खुलासा कर दिया की गठबंधन बिना किसी आधार के साथ मात्र जनता को गुमराह करने के लिए दलों के शामिल होने की घोषणा कर रहा है।
फिलहाल हम यदि मायावती की घोषणा के राजनैतिक परिणामों की बात करे तो राजस्थान और मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों में इस घोषणा से विपक्षी गठबंधन को करारा झटका लग सकता है, क्योंकि पिछले चुनावों से निकले परिणामों की समीक्षा की जाये तो निकली जानकारी के अनुसार यदि बसपा मैदान में उतरती है तो उसे उसके परम्परागत वोट मिलते ही मिलते हैं लेकिन यदि बसपा चुनाव नहीं लड़ती है तो ये वोट एकमुश्त भाजपा की झोली में गिरते हैं।
इससे ये स्पष्ट होता है की मायावती की इस घोषणा से बसपा के वोट गठबंधन को किसी भी तरह से नहीं मिलने वाले जो उनके अरमानों पर पानी फेरने के लिए काफ़ी है।