पीएम पद की दौड़ या गठबंधन का संयोजक बनने की होड़ में याददाश्त हो गई गुम
पटना (बिहार)। प्रधानमंत्री बनने के जबरदस्त सपने देख रहा या फिर अपने गठबंधन में महत्वपूर्ण पद पाने की आस को टूटता देख किसी बड़े नेता की मनोदशा देखनी हो तो आप बिहार के मुख्यमंत्री और सुशासन बाबू का काल्पनिक तमगा पाए नितीश कुमार को देखिये जो आजकल अपना ही विभाग भूल गए और जनता दरबार में आये शिकायत पर अधिकारी से स्वयं को ही फोन लगाने की रट लगाते दिखे जबकि अधिकारी बार बार उन्हें चेताता रहा लेकिन गुम हुई याददाश्त के चलते नीतीश ने अधिकारी पर अंततः गुस्सा उतार ही दिया।
हैरान करने और अचंभित करने वाला ये मामला मंगलवार को उस समय नीतीश के जनता दरबार में उस समय आया ज़ब उनके ही गृह विभाग से पीड़ित एक आप आदमी अपनी शिकायत लेकर नीतीश के पास पहुंचा लेकिन कमजोर याददाश्त कहा जाये या फिर कमजोर मनोदशा जो भी रही हो, नीतीश ने अधिकारी से आनन फानन में गृह मंत्री को फोन लगाने का फरमान जारी कर दिया।
मुख्यमंत्री के फरमान से अचंभित अधिकारी उन्हें बार बार बताता रहा की ‘श्रीमान गृह सचिव’, यहाँ ये भी बताना आवश्यक है की विहार का गृह विभागीय नीतीश के पास ही हैं, फिलहाल अधिकारी द्वारा सांकेतिक रूप से बार बार अवगत कराने के बाद भी अपनी कमजोर मनोदशा के चलते अधिकारी की बात न समझने वाले नीतीश ने अपना फोन मेज पर पटकते हुए अधिकारी पर ही झुंझला गए।
अब इसे ऐसे भी देखा है सकता है की एक प्रदेश का मुखिया जो अपने ही स्वीकार किये गए विभागों को भूल सकता है वो भारत जैसे बड़े देश का प्रधानमंत्री बनने का सपना कैसे देख सकता है और यदि दुर्भाग्य से कही वह प्रधानमंत्री बन भी गया तो देश के अंदर या विदेशो में भारत की कौन सा और कैसा चित्र प्रदर्शित करेगा।