मुलायम ने अपने कार्यकाल में लगाया था प्रतिबन्ध
वाराणसी। अल्पसंख्यक ख़ासकर मुस्लिमों की थोक वोट की चाहत में मुल्ला के नाम से अपने समय में प्रसिद्ध हो चुके समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव द्वारा व्यास तहखाने में हो रही पूजा पाठ पर लगाए गए प्रतिबन्ध को आज न्यायालय ने रद्द करते हुए फिर से पूजा शुरू करने का आदेश पारित कर दिया है। न्यायालय का ये आदेश जहाँ हिन्दुओं के लिए बड़ी जीत हाँ वहीं समाजवादी पार्टी, उसकी नीति और उसके नेताओं के मुँह पर एक बड़ा तमाचा माना जा रहा है।
ज्ञात हो की वर्ष 1993 में मुलायम सरकार ने सदियों से व्यास जी के तहखाने में चली आ रही पूजा पर रोक लगा दी थी जिसके विरोध में न्यायालय पहुंचे हिन्दू पक्ष को आज बड़ी जीत मिल गई है, मिल रही जानकारी के अनुसार पूजा के लिए कल ही पुजारी की नियुक्ति भी कर दी जाएगी और एक सप्ताह के अंदर ही पूर्व की भांति पूजापाठ भी आरम्भ हो जाएगी।
न्यायालय का ये निर्णय इस मायने में भी महत्वपूर्ण है की अभी कुछ ही दिन पूर्व भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम की जिस रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया है उसमे इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया है की इस स्थान पर पूर्व में मंदिर थे जिसपर मस्जिद खड़ी कर दी गई है के बाद व्यास जी के तहखाने में पूजा की अनुमति मिलना उनके पुरे ज्ञानवापी मस्जिद पर किये गए दावे को और पुख्ता कर रहा है।
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