विवाह में सम्मिलित न हो पाने पर पड़े बीमार
फतेहपुर। यूँ तो आपने ऐसे कई मामलों को देखा होगा जिसमे खरीदे गए सामान की गुणवत्ता को लेकर उपभोक्ताओं ने न्यायालय का रुख किया होगा लेकिन मात्र एक जूते के चलते कोई बीमार पड़ गया हो और विवाह में सम्मिलित न हो पाने के चलते व्यवसाई को नोटिस भेजकर लम्बे हर्जाने की मांग की हो, ऐसा मामला शायद ही सामने आया हो।
जी हाँ अब इसे हास्यास्पद कहे या आश्चर्यजनक फिलहाल मामला जिले के कमलानगर निवासी ज्ञानेंद्र त्रिपाठी से जुडा है, पेशे से अधिवक्ता श्री त्रिपाठी ने विगत नवम्बर माह में एक व्यवसाई से 1200₹ में जूते खरीदे थे, उनके अनुसार उन्होंने मात्र चार या पांच बार ही उन जूतों का उपयोग किया था और वे फट गए, इस बीच उनके साले के बेटे का विवाह तय हो गया जिसकी बारात में वे अपने फटे जूतों के कारण सम्मिलित नहीं हो पाए।
विवाह में सम्मिलित न हो पाने से उन्हें इतना मानसिक आघात पहुंचा की वे बीमार पड़ गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा जहां उन्हें अपने उपचार पर 10000₹ खर्च करना पड़ा।
विगत दिनों ज़ब वे पूरी तरह ठीक हुए तो उन्होंने जूता व्यवसाई को नोटिस भेज दिया जिसमे उन्होंने जूते का मूल्य 1200₹, उपचार पर खर्च 10,000₹ तथा नोटिस के 2000₹ की मांग की। उनका ये भी कहना है की व्यवसाई ने जूते की 6 माह की गारंटी भी ली थी, उन्होंने व्यवसाई से माँगा गया हर्जाना 15 दिनों के अंदर देने की मांग की है।
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