लापरवाही पड़ सकती है, जीवन भर के लिए भारी
गोंडा। रंगो का पर्व और रंग से सराबोर हो जाने को आतुर बच्चे,बूढ़े,युवा, महिलाए, सभी इस रंग बिरंगे पर्व के दिन इसे अपने अपने ढंग से मनाते हुए खूब मौज मस्ती करते हैं। लेकिन यही मौज मस्ती लापरवाही बरतने पर भरी भी पड़ सकती है जी हां हम बात कर रहे हैं रंगो के इस पर्व होली पर विशेष सावधानी बरतने की बात।
इस विषय पर मेडिकल कालेज के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ दीपक कुमार एवं आंखों के विशेषज्ञ नेत्र सर्जन डॉक्टर पुनीत श्रीवास्तव लोगों को होली पर्व पर सावधानी पूर्वक मौज मस्ती किए जाने की सलाह देते है।
बच्चों के संग आंखों का रखे विशेष ध्यान
नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टर पुनीत श्रीवास्तव का कहना है कि रासायनिक रंगो से आंखों को खतरा है। यह आंखो को गहरा जख्म दे सकते हैं इनसे सावधान रहे। बच्चों का विशेष ध्यान रखें, रंग खेलते समय आंखो पर चश्मा का प्रयोग करें। आंखो में यदि रंग पड़ गया है तो उसे सावधानी पूर्वक पानी से अच्छी तरह धोएं, आंखो को मले नही, यदि फिर भी परेशानी है तो एक्सपर्ट से मिले।
रसायनिक रंग का प्रयोग, जीवन भर का रोग
मेडिकल कालेज के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टर दीपक कुमार कहते हैं कि होली खूब खेलो खूब मस्ती करो लेकिन रंगो के चयन को लेकर सावधानी बरते। बाजार में मिलने वाले रसायनिक रंग आपके जीवन को बदरंग बना सकते है। होली पर इनका प्रयोग बिल्कुल न करें। हुड़दंग से बचे, प्राकृतिक रंगो का ही प्रयोग करे।
रसायनिक रंगो से त्वचा को भारी नुकसान पहुंच सकता है बल्कि हम यूं कहे कि यह आपको जीवन भर के लिए गहरा जख्म दे सकता है। इसलिए सावधान रहे।और प्राकृतिक रंगो का प्रयोग करते हुए होली का आनंद ले यह आपके बहुमूल्य जीवन के लिए बेहतर है।
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