हरदोई। प्रहलाद नगरी जन कल्याण समिति के अध्यक्ष शिवम द्विवेदी ने भगवान नरसिंह की जयंती पर उ.प्र सरकार से सार्वजनिक अवकाश घोषित किए जाने की मांग की है।
उन्होंने बताया कि नृसिंह अवतार भगवान विष्णु के प्रमुख अवतारों में से एक है। नरसिंह अवतार में भगवान विष्णु ने आधा मनुष्य व आधा शेर का शरीर धारण करके दैत्यों के राजा हिरण्यकशिपु का वध किया था। प्राचीन काल में कश्यप नामक ऋषि हुए थे, उनकी पत्नी का नाम दिति था। उनके दो पुत्र हुए, जिनमें से एक का नाम ‘हरिण्याक्ष’ तथा दूसरे का ‘हिरण्यकश्यप’ था। हिरण्याक्ष को भगवान विष्णु ने पृथ्वी की रक्षा हेतु वराह रूप धारण कर मार दिया था।
अपने भाई कि मृत्यु से दुखी और क्रोधित हिरण्यकशिपु ने भाई की मृत्यु का प्रतिशोध लेने के लिए अजेय होने का संकल्प किया। सहस्त्रों वर्षों तक उसने कठोर तप किया। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने उसे अजेय होने का वरदान दिया। वरदान प्राप्त करके उसने स्वर्ग पर अधिकार कर लिया। लोकपालों को मारकर भगा दिया। और स्वत: सम्पूर्ण लोकों का अधिपति हो गया। देवता निरूपाय हो गए थे। वह असुर हिरण्यकशिपु को किसी प्रकार से पराजित नहीं कर सकते थे।
भगवान नरसिंह की जयंती वैसाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस जयंती का हिन्दू धर्म में बड़ा ही महत्त्व है। भगवान श्री नरसिंह शक्ति तथा पराक्रम के प्रमुख देवता हैं। पौराणिक धार्मिक मान्यताओं एवं धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इसी तिथि को भगवान विष्णु ने ‘नरसिंह के रूप में अपने अनन्य भक्त प्रहलाद की रक्षा हेतु आज हरदोई के नाम से प्रसिद्ध प्रहलाद नगरी में अवतार लेकर दैत्यों के राजा हिरण्यकशिपु का वध किया था। ततपश्चात भक्त प्रहलाद ने लम्बे समय तक यहाँ शासन किया था। भगवान विष्णु ने अधर्म के नाश के लिए कई अवतार लिए तथा धर्म की स्थापना की।