पुलिस जाँच में हुआ अज़ब खुलासा, प्रशासन के निकम्मेपन का सामने आया प्रमाण
देवरिया। किसी जिले का प्रशासन इतना निकम्मा हो सकता है की महीनो पहले स्वर्गवासी हुए कर्मचारी की ड्यूटी चुनाव कार्य में लगा दें, इतना ही नहीं प्रशिक्षण और मतदान में अनुपस्थित होने पर उसके विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज करा दी जाये।
अपने आप में हैरान करने वाली और प्रशासन के नाकारापन को प्रमाणित करने वाली इस घटना का खुलासा तो तब हुआ ज़ब प्राथमिकी की जाँच के लिए पुलिस टीम आरोपी कर्मी के घर पहुंची तब पता चला की कर्मी की मौत तो चार माह पूर्व ही हो चुकी है।
दरअसल शिक्षा विभाग में तैनात शिक्षिका रंजना पाण्डेय की मृत्यु चार माह पूर्व हो चुकी है लेकिन निर्वाचन कार्य के लिए भेजें गए लिस्ट में उनका भी नाम भेज दिया गया। निर्वाचन प्रशिक्षण में रंजना की अनुपस्थिति पर प्रशासन ने कड़ाई करते हुए उसके विरुद्ध एक्शन भी ले लिया। बात इतने पर भी नहीं रुकी, चुनावों के अंतिम चरण में लगे ड्यूटी पर भी ज़ब रंजना पाण्डेय अनुपस्थित रहीं तो उनके विरुद्ध प्राथमिकी तक दर्ज करा दी गई। उसी प्राथमिकी की जाँच के लिए ज़ब पुलिस रंजना के घर पहुंची तब जाकर पता चला की जिसकी जाँच हो रहीं है उसकी मृत्यु चार महीने पहले ही हो चुकी है।