नालों की सफाई पर उठ रहे सवाल, अस्पताल को पालिका नहीं कर रहा सहयोग
गोण्डा। मानसून आने के पूर्व नगर के नालों की सफाई और नगर को जलभराव से मुक्त रखने की पालिका के दावों की पोल मानसून के आरम्भ ने ही खोल कर रख दी जिसके कारण जिला अस्पताल सहित अन्य कई क्षेत्रों में भारी जलजमाव ने तालाबों का रूप ले लिया जिससे जहाँ एक तरफ आवागमन बाधित हो रहा वही दूसरी ओर आम जनजीवन प्रभावित हो रहा, खास बात तो ये है की जिम्मेदार पालिका अधिकारी के पास इन अव्यवस्थाओं पर न तो चर्चा करने का समय है और न ही जबाब देने का।
मानसून की एक तरह से शनिवार को हुई बारिश ने नगरपालिका द्वारा की गई तमाम तैयारियों की पोल खोलकर रख दी है, सुबह से ही रुकरुककर हो रहीं सामान्य बारिश ने ही नगर के वी आई पी माने जाने वाले सिविल लाइन क्षेत्र में जैसे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न कर दी, शहीदे आजम भगत सिंह इंटर कालेज के सामने का पूरा इलाका जलमग्न हो गया, ऐसी ही स्थिति नगर के अनेकों क्षेत्रों में देखने में आ रहीं है इसके साथ ही जिला अस्पताल में हुए जलजमाव को समाप्त करने के लिए अस्पताल प्रशासन को टेंकर उपलब्ध कराने में भी पालिका प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है।
नगर का जिला अस्पताल भी भारी जलजमाव से जूझ रहा है, हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी जिला अस्पताल में स्विमिंग पुल का निर्माण हो गया, ध्यान देने वाली बात तो ये है की ये जलजमाव कोई नया नहीं है लगभग हर वर्ष ऐसी ही स्थिति का सामना अस्पताल सहित मरीजों और तीमारदारों को करना पड़ता है लेकिन अस्पताल प्रबंधन इस समस्या का स्थाई समाधान ढूंढने में नाकारा साबित हो रहा है।
खास बात तो ये है की इस समस्या का ठीकरा अस्पताल नगर पालिका पर फोड़ अपना सिर बचाने में ही लगा दिखाई देता है, सूत्रों की माने तो अस्पताल से पानी निकासी की कोई व्यवस्था न होने के कारण वह पूरी तरह नगर पालिका के टैंकर पर निर्भर है, यदि पालिका ने टेंकर उपलब्ध कराया तो थोड़ा बहुत पानी निकाला गया अन्यथा जलभराव यथावत बना रहेगा।
वहीं दूसरी ओर पालिका के अधिशासी अधिकारी संजय मिश्र का रवैया इन समस्याओं पर बेहद ही आश्चर्यजनक दिखाई देता है, शनिवार को ज़ब उनसे इस बावत संपर्क करने का प्रयास लगभग 12 बजे किया गया तो उन्होंने अपने आप को अत्यंत व्यस्त बताते हुए बड़ी ही जल्दबाजी में दो तीन घंटे बाद समर्क करने की बात कहते हुए फोन काट दिया। इसके बाद ज़ब लगभग ढाई बजे एक बार फिर उन्हें फोन किया गया और मिलकर बात रखने और उनकी इन समस्याओं से निपटने की रणनीति जानने की बात की गई तो उन्होंने फिर वही हड़बड़ी और जल्दबाजी दिखाते हुए मुलाक़ात से साफ इंकार कर दिया।
फिलहाल नगर पालिका प्रशासन से उम्मीद है समाचार प्रकाशन के बाद ही शायद वह अपनी जिम्मेदारी को समझें और नगर के क्षेत्रों सहित अस्पताल परिसर को इस समस्या से तत्काल राहत दिलाने के लिए जागे और भविष्य में इन स्थितियों का सामना न करना पड़े इसके लिए आवश्यक तैयारियों को पूरा करें।
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