मंत्री के सामने जिलाधिकारी से की थी नाश्ते की डिमांड, 5 घंटे पूर्व मिला था नियुक्ति पत्र
बदायू। अब इसे बचपना कहे या कुछ और, मात्र पांच घंटे नियुक्त हुआ लेखपाल पद के घमंड में इतना चूर हो गया की जिलाधिकारी से ही अभद्रता पर उतर आया जिसका परिणाम में उसे बर्खास्तगी का नोटिस थामना पड़ गया।
अपने आप में हैरान करने वाली घटना उस समय घटी ज़ब नवनियुक्त लेखपालों को उनके नियुक्तिपत्र वितरण का कार्यक्रम कलेक्ट्रेट में चल रहा था, कार्यक्रम में मंत्री बी एल वर्मा, जिलाधिकारी मनोज कुमार सहित तमाम आला अधिकारी उपस्थित थे, कार्यक्रम की समाप्ति के उपरांत ज़ब सभी नाश्ता कर रहे थे तभी 5 घंटे पूर्व नियुक्त हुआ लेखपाल महेन्द्र डी एम मनोज कुमार के पास पहुंचा और उनसे बोला की आप लोग नाश्ता कर रहे है लेकिन लेखपालों को अभीतक नाश्ता नहीं मिला, जिलाधिकारी ने शिकायत को समान्यता लेते हुए कहा की आप अपनी जगह बैठे अभी सभी को वही नाश्ता मिल जायेगा।
हद तो तब हुई ज़ब जिलाधिकारी द्वारा मिले आश्वासन के बाद भी लेखपाल महेन्द्र वहीं खड़ा रहा, लेखपाल की इस अभद्रता पर जिलाधिकारी ने मंत्री के जाने के बाद कड़ा रुख अपनाते हुए एसडीएम को लेखपाल महेन्द्र से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दें दिया, इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा की यदि स्पष्टीकरण संतोषजनक न हो तो उसे बर्खास्त किया जाये।
जानकारी के अनुसार एसडीएम द्वारा लेखपाल महेंद्र से स्पष्टीकरण का पत्र जारी किया जा चुका है जिसमे उसे दो दिन का समय दिया गया है। हालांकि माना ये जा रहा है की महेन्द्र के रवैये को देखते हुए उसकी बर्खास्तगी निश्चित है। स्पष्टीकरण मांगना तो महज एक औपचारिकता है जिसे निभाना भी आवश्यक है।