डॉक्टरों ने धरना प्रदर्शन के बाद निकाला जुलूस
पीएमएस,आईएमए, यूपी फार्मासिस्ट एसोसियेशन भी हुआ शामिल
गोंडा। कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कालेज में साथी ट्रेनी महिला डॉक्टर की रेप के बाद निर्मम हत्या से जिले के महाराजा देवी बख्श सिंह स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के अक्रोशित डॉक्टरों के साथ ही, जिले के निजी चिकित्सालय के डॉक्टरों ने भी एक सुर में इस जघन्य कृत्य के लिए धरना प्रदर्शन कर सरकार से पीड़िता वा उसके परिवार के लिए न्याय की मांग की है।
इस दौरान संपूर्ण जिले में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई। मेडिकल कालेज के बाबू ईश्वर शरण जिला चिकित्सालय सहित निजी चिकित्सालय में भी इस दौरान स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ा। आईएमए वा पीएमएस संघ की सहमति के बाद आपातकालीन सेवाओं को निर्बाध जारी रखने का निर्णय लिया गया है। भर्ती मरीजों वा आउटडोर मरीजों की परेशानियों को देखते हुए आपातकालीन सेवाओं को बहाल रखा गया है।
डॉक्टर्स पीड़िता के हत्यारों को फांसी और परिवार के लोगों को इसाफ दिलाए जाने के साथ ही, अस्पतालों मेडिकल कालेजों निजी चिकित्सालयों में कार्यरत चिकित्सकों की सुरक्षा किए जाने की मांग सरकार से कर रहे हैं। कोलकाता की घटना को लेकर देश भर में अक्रोश बढ़ता ही जा रहा है।
जिले में पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत शनिवार को सुबह मेडिकल कालेज के प्रांगण में चिकित्सकों के साथ ही जिले के निजी चिकित्सालयों के डॉक्टर्स, आईएमए, पीएमएस,संघ के डॉक्टर्स उत्तर प्रदेश फार्मासिस्ट एसोसिएसन संघ ने एक साथ धरना दिया। एक घंटे के पश्चात यह धरना रैली में बदल गया और समस्त डॉक्टर्स हाथों में बैनर पंपलेट लेकर मेडिकल कालेज से रैली की में शक्ल बाहर निकल पड़े, और पैदल मार्च करते हुए गांधी पार्क पहुंचे, जहां रैली जनसभा में तब्दील हो गई।
इस दौरान स्वास्थ्य विभाग से जुड़े समस्त कर्मचारी नारेबाजी करते हुए सरकार से पीड़िता के लिए न्याय और डॉक्टर्स की सुरक्षा की मांग सरकार से कर रहे थे। डॉक्टरों के आक्रोश को देखते हुए जिले की खुफिया इकाई पहले से ही मुस्तैद थी।
कोलकाता में बीती रात्रि मेडिकल कालेज में घुस कर तोड़फोड़ करने की खबरों को लेकर भी एलआईयू पहले से अधिक चौकन्नी हो गई थी। पुलिस अधीक्षक ने पहले ही कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा के सभी बिंदुओं पर विचार करने के बाद भरी भरकम पुलिस फोर्स तैनात कर रखी थी। जिला प्रशासनिक अधिकारियों ने सुबह से ही मेडिकल कालेज के प्रांगण में डेरा डाल दिया था। कार्यक्रम के समाप्त होने के बाद जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली।
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