महिलाओं को 1500₹ देने के वादे की भी निकली हवा
फ्री की योजनाओं ने हिमाचलवासियों का जीना किया मुहाल
शिमला (हिमाचल प्रदेश)। फ्री योजनाओं का लालच देकर सरकार बना लेने के बाद प्रदेश और उसकी जनता का क्या हाल होता है इसकी बानगी देखनी हो तो हिमाचल प्रदेश की ओर रुख करना पड़ेगा जहाँ के 2 लाख सरकारी कर्मचारी और 1.5 लाख पेंशनर कौड़ी कौड़ी के मोहताज हो चुके हैं, और उन्हें वेतन ता पेंशन कब तक मिल पायेगी इसका भी कोई संतोषजनक उत्तर सरकार नहीं दें पा रहीं है।
ज्ञात हो की विगत हिमाचल विधानसभा निर्वाचन में कांग्रेस ने प्रदेश की जनता को 19 गारंटियों का झूठा और भ्रामक लालच देकर वोट ले लिया और सरकार भी बना लीं लेकिन ज़ब वादों पर खरा उतरने की बात आई तो महिलाओं को 1500₹ प्रतिमाह देने का कांग्रेस का वादा कुछ ही महीने में दम तोड़ गया और महिलाओं को मिलने वाली राशि बंद कर दी गई लेकिन अन्य गारंटियों पर काम जारी रहा जिसका परिणाम ये रहा है की अब कांग्रेस सरकार दिवालिया होने के कगार पर पहुँच गई।
हिमाचल प्रदेश की खस्ता हाल का अंदाजा इस बात से लगाया है सकता है की आज सितम्बर माह की 4 तारीख़ हो जाने के बाद भी न तो सरकारी कर्मचारियों को वेतन और न ही पेंशनरों को पेंशन ही मिल पाई है.। खास बात तो ये है की सरकार इस बात का आश्वासन भी नहीं दें पा रहीं है की वेतन और पेंशन कब तक मिल पायेगी।
जनता हुई कौड़ी कौड़ी की मोहताज
कर्मचारियों की इस बड़ी समस्या पर ज़ब उनसे वार्ता की गई तो एक कर्मचारी का कहना था की घर में कुछ मेहमान आ गए है जिन्हे चाय पिलाने की भी व्यवस्था नहीं हो पा रहीं है, दूध खरीदने तक के पैसे नहीं रह गए हैं, वहीं एक दूसरे कर्मचारी का कहना था की उसके खाते में 2₹ बचे हैं, ग्रहस्थी कैसे चलाएं समझ में नहीं आ रहा।
हिमाचल की स्थिति देखकर सोचने वाली बात तो ये है की लोकसभा निर्वाचन में महिलाओं को प्रतिमाह 8500₹ देने का लालच देकर 99 सीट पाने वालीं कांग्रेस को यदि सत्ता मिल जाती तो आज शायद पूरे देश का हाल वही होता जो हिमाचल प्रदेश का है।