बाढ़ग्रस्त ग्रामीणों की बदहाली, सड़क पर शवदाह करने को विवश
तरबगंज (गोण्डा)। वैसे तो बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में असंख्य समस्याएं हमेशा मुँह बाये खड़ी रहती है लेकिन इन क्षेत्रों के निवासियों का हाल जानने टीम ज़ब बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में पहुंची तो जो नज़ारा सामने दिखाई दिया उसने अन्य सभी परेशानियों को पीछे छोड़ दिया।
घाघरा नदी ने अपने आस पास के लगभग दस किलोमीटर परिक्षेत्र को अपने आगोश में ले रखा है इन्ही में से तरबगंज तहसील के ग्राम बहादुर पुर भी है जो चारों ओर से बाढ़ के पानी से घिरा है, यहाँ घाघरा के निरंतर बढ़ रहे पानी ने समस्याओं का अम्बार लगा रखा है, बहादुर पुर गाँव से 500 मीटर पहले ही चारों ओर से पानी से घिरे सड़क पर एक जगह ग्रामीणों का हुजूम देखकर कारण की जानकारी लीं गईं तो पता चला की एक 60 वर्षीय बुजुर्ग की मृत्यु हो गईं है जिसके अंतिम संस्कार की तैयारी चल रहीं है।
ज़ब उनसे ये पूछा गया की शमशान की जगह सड़क पर अंतिम संस्कार क्यों किया जा रहा है तो ग्रामीणों का कहना था की सड़क को छोड़कर खेत, शमशान सहित अन्य सभी स्थल पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं कहीं कोई ऐसा स्थान गहरे पानी से अछूता नहीं जहाँ शव का अंतिम संस्कार नियम पूर्वक किया जा सकें, विवश होकर सड़क पर अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है, ग्रामीणों ने बताया की हम पांच किलोमीटर चलकर आये है तब जाकर कहीं ऐसा स्थान मिला जहाँ शव दाह सम्भव हो सकता है।