भूगर्भशास्त्र में रोजगार के अवसर एवं संभावनाएं विषय पर व्याख्यान का हुआ आयोजन
छतरपुर (मध्यप्रदेश)। महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय छतरपुर में 23 सितम्बर 2024 को सरस्वती सभागार में कुलगुरु प्रो शुभा तिवारी के मार्गदर्शन एवं डॉ पी के जैन विभागाध्यक्ष भूगर्भ शास्त्र विभाग के निर्देशन में भूगर्भ शास्त्र में रोजगार के अवसर एवं संभावनाओं विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के छात्र अधिष्ठाता कल्याण डॉ आर के पाण्डेय ने की , डॉ पी के जैन , डॉ आर पी अहरवाल मंचासीन रहे। मंचासीन अथितियों द्वारा मां सरस्वती का पूजन – अर्चन किया गया।
भूगर्भ शास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ पी के जैन ने ऑनलाइन जुड़े मुख्य वक्ता, विद्वानों एवं सरस्वती सभागार में उपस्थित सभी विद्वानों का शब्द सुमनों से स्वागत किया। तत्पश्चात् मुख्यवक्ता डॉ पी एस परिहार पूर्व निदेशक ए एम डी हैदराबाद ने ऑनलाइन मोड में जुड़कर कहा कि -भूगर्भ शास्त्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। आगे कहा कि कॅरियर रिसोर्स पर आधारित होता है । उन्होंने चार प्रकार के रिसोर्स बतलाये – कृषि , उद्योग, प्राकृतिक एवं मानवीय रिसोर्स ,ये सभी एक दूसरे से सम्बद्ध हैं। उन्होंने जियोलॉजिकल तैयारी के बारे में विस्तार से बतलाया।
कॅरियर अवसरों पर चर्चा करते हुए भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण- जी एस आई, रिमोटसेन्सिंग, पेट्रोलियम, भूमिगत जल, खनन, परमाणु भूविज्ञान , भू-भौतिकी, भू-अभियांत्रिकी इत्यादि अनेक क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों की बात कही, साथ ही मौखिक साक्षात्कार के विभिन्न आयाम तथा उत्तर देने के कौशल के बारे में सारगर्भित जानकारी दी। व्याख्यान के पश्चात् ‘ पृथ्वी की उत्पत्ति के विभिन्न चरणों’ के बारे में डॉक्यूमेंट्री वीडियो के माध्यम से दिखाई गई। इस अवसर पर जी एस आई के पूर्व निदेशक डॉ नितीश कुमार दत्ता साथ ही भारत के विभिन्न शोध संस्थानों व विश्वविद्यालयों के लगभग अस्सी प्रतिभागी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े।
इस अवसर पर डॉ अमिता अरजरिया, विभागाध्यक्ष वनस्पति शास्त्र तथा भूगर्भ शास्त्र विभाग के आशिया बानो, मुमताज मंसूरी , जी एल कुशवाहा, इमरान सिद्दीकी सहित शोधार्थी, एमएससी तथा बीएससी के छात्र छात्रायें उपस्थित रहे। तकनीकी सहयोग निपुण शुक्ला एवं राहुल अग्रहरि ने किया। कार्यक्रम का संचालन आशी जैन ने तथा आभार आशिया बानो ने व्यक्त किया।