इमरजेंसी का द्वार किया गया लॉक, अन्य मरीजों को पड़े जान के लाले
गोंडा। तरब गंज थाना क्षेत्र में दोपहर करीब एक बजे बेलसर गांव स्थित एक घर के अहाते में अचानक हुए विस्फोट से इलाका दहल उठा। विस्फोट इतना तीव्र था कि दो लोगों के चीथड़े हो गए जिससे दोनो की मौके पर ही मौत हो गई वही तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमे एक का हाथ उड़ गया वही एक अन्य का पैर गायब हो गया जबकि तीसरा भी गंभीर रूप से घायल हैं जिन्हें लखनऊ रेफर कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार थाना तरबगंज क्षेत्र के बेलसर गांव स्थित फारुख के बंद पड़े घर के अहाते में पटाखा बनाते समय अचानक हुए विस्फोट से 15 वर्षीय आकाश कन्नौजिया पुत्र अमरनाथ कन्नौजिया निवासी बेलसर, इसहाक उर्फ लल्लू 40 पुत्र नत्थू निवासी बेलसर की दर्दनाक मौत हो गई, वहीं कृष्ण कुमार 24 पुत्र छबीले निवासी बेलसर, अयास मुहम्मद 14 पुत्र दोस्त मोहम्मद, इमरान 10 पुत्र इसहाक मुहम्मद निवासी बेलसर गंभीर रूप से घायल हो गए जिनकी नाजुक हालत को देखते हुए उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया गया है।
दीपावली से पहले पटाखों से हुए इस भीषण विस्फोट ने प्रशासन को हिला कर दिया है। इस घटना से बेलसर के साथ ही सम्पूर्ण जिला दहल उठा। आनन फानन में भारी संख्या में पुलिस बल घटना स्थल पर पहुंच गया। घायलों वा मृतकों को मेडिकल कालेज भेजा गया जहां डॉक्टरों ने दो लोगों को मृत्यु घोषित कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया वही तीन अन्य घायलों को लखनऊ रेफर कर दिया।
घटना से जिले में मचा कोहराम
दोपहर करीब एक बजे उमरी रोड स्थित बेलसर गांव में फारुख का मकान है, जो कि बंद पड़ा हुआ है। इसी मकान के अहाते में अचानक पटाखा बनाते समय हुए भीषण विस्फोट से इलाका दहल उठा। इलाके के लोग जब घटना स्थल पर पहुंचे तो देखा की दो लोगों के चीथड़े उड़े हुए है और तीन लोग जिनमे दो बच्चे भी शामिल हैं गंभीर रूप से घायल पड़े हुए है। इनमे से एक का पैर गायब था, जबकि दूसरे का हाथ उड़ गया था,जबकि तीसरे के सर में छर्रे घुसे हुए थे और वह दूर पड़ा हुआ था। आनन फानन में बेलसर के प्रधान रज्जन बाबा ने घायलों वा मृतकों को क्षेत्रीय लोगों की सहायता से बेलसर अस्पताल पहुंचाया जहां से उन्हें मेडिकल कालेज गोंडा भेज दिया गया। घटना की सूचना पाते ही सम्पूर्ण इलाके के साथ ही जिले में कोहराम मच गया। सैकड़ों लोगों की भीड़ जिला अस्पताल पहुंच गई।
सूचना पर सीएमओ डॉ रश्मि वर्मा, सुप्रिटेंडेंट डॉक्टर एम डबलू खान, मैनेजर डॉक्टर अनिल वर्मा ईएमओ डॉक्टर रमेश मिश्रा डॉक्टर दीपक सर्जन डॉक्टर मुश्फिरा ने घायलों के उपचार की कमान संभाल ली। नगर कोतवाल मनोज कुमार सिंह अपने बाल के साथ अस्पताल पहुंच गए, और घटना के बारे में जानकारी हासिल की।
खबर लिखे जाने तक घटना स्थल पर आला अधिकारियों ने डेरा डाल रखा है और घटना के संबंध में बारीकी से पड़ताल की जा रही है।
तीन घंटे तक बाधित रहा इमरजेंसी, ने मरीज तड़पते रहे इलाज के लिए
विस्फोट से घायल हुए लोगों को इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग मुस्तैद तो दिखा लेकिन इस दौरान इमरजेंसी के गेट को अंदर से लॉक कर दिया गया। जिसके कारण अन्य गंभीर रूप से बीमार लोग एजेंसी के बाहर गलियारे में दर्द से कराह रहे थे जिन्हे देखने वाला कोई नहीं था। हालांकि मेडिकल कालेज प्रशासन ने ऐसा घायलों के इलाज को लेकर सतर्कता बरतने की कोशिश की थी क्योंकि सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे और भीड़ घायलों को बार बार देखना चाह रही थी जिसके कारण अस्पताल प्रशासन को गेट बंद करना पड़ा , लेकिन इस बीच अन्य गंभीर बीमार मरीजों की उपेक्षा मरीजों की जान पर भारी पड़ सकता था। इस बात को स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों अवश्य सोचना होगा।
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