शिकायत वेरिफिकेशन के दौरान हुआ गिरोह का खुलासा
मेरठ। उत्तरप्रदेश पुलिस के पूरे सिस्टम में व्याप्त भ्रस्टाचार किसी से छुपा नहीं है, अब तो इन्होने अपराधियों की तर्ज पर गिरोह बनाकर अवैध वसूली करने का पूरा नेटवर्क भी बना लिया है, हालांकि थोड़ी सी लापरवाही ने इस पुलिसिया गिरोह का भंडाफोड़ कर दिया अन्यथा ये गिरोह ऐसे ही अवैध वसूली कर उत्तरप्रदेश पुलिस पर लगे धब्बो को और गहरा करता रहता।
अपने आप में हैरान करने वाला ये मामला पी आर बी में तैनात पाँच पुलिसकार्मियों का है जिनमे एक होमगार्ड भी है, होता ये था की ज़ब गस्त पर होते थे तो किसी अन्य व्यक्ति के फोन का उपयोग कर आम आदमी बनकर कंट्रोल रूम को अपराध होने की शिकायत करते थे, कंट्रोल रूम को इनकी लोकेशन अपराध की जगह के सबसे निकट मिलती थी जिससे केस इन्हे मिल जाता था, केस मिलने के बाद ये अवैध वसूली कर शिकायत को फर्जी बताकर केस बंद करा देते थे।
ऐसे ही एक मामले में ज़ब कंट्रोल रूम ने शिकायत क्लोज होने की वेरिफिकेशन के लिए शिकायत दर्ज कराने के समय उपयोग किये गए नंबर पर संपर्क किया तो पता चला उसने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई बल्कि उसका फोन कुछ पुलिस वालों ने लिया था और उन्होंने ही शिकायत की थी, ये सुनकर कंट्रोल रूम को पूरी कहानी समझ में आ गईं और वहां से एस एस पी को पूरे मामले की जानकारी दी गईं।
एस एस पी विपिन ताड़ा ने मामले की जाँच अपने तरीके से कराई जिस पर पूरी सच्चाई सामने आ गईं, पता चला इस गिरोह का संचालन पी आर वी यू पी 32 डी जी 6343 पर तैनात होमगार्ड सुशील कुमार सहित पुलिसकर्मी वाहन चालक राजन, यशपाल सिंह, प्रमोद कुमार, जीतेन्द्र कुमार द्वारा किया जा रहा था।
एस एस पी ने तत्काल प्रभाव से सभी आरोपियों को सस्पेंड करते हुए धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है वहीं आरोपी होमगार्ड पर कार्यवाई के लिए कमाडेंट होमगार्ड को पत्र लिखा है।
You must be logged in to post a comment.