पूजा अर्चना को लेकर हुए विवाद में प्रशासन ने किया था पक्षपात
परसपुर (गोण्डा)। सन 2013 में परसपुर क्षेत्र में गूँगी माई के स्थान पर प्रतिमा स्थापित एवं पूजा अर्चना को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया था जिसमें पुलिस प्रशासन के द्वारा पक्षपात किया जाने लगा था तब वहाँ कि हिंदू जनता ने प्रोटेस्ट किया था जिससे मामला हिन्दू जनता बनाम पुलिस प्रशासन हो गया था।
मामले में तत्कालीन थानाध्यक्ष सूर्य प्रसाद गौतम ने स्थानीय थाने पर हिंदू पक्ष के लोगो पर प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय का दर्ज कराया कि मुखबिर की सूचना पर गूँगी माता के स्थान पर गया जहां पर दो लोग मसाला मिला रहे थे उनको नई प्रतिमा स्थापित करने से रोका गया और बताया कि शासन और न्यायालय का आदेश है कि नई प्रतिमा स्थापित नहीं की जाएगी और मूर्ति को क़ब्ज़े में ले लिया गया तो वहाँ की जानता उग्र हो गई और पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद इत्यादि नारे लगाने लगी और भीड़ बढ़ती गई लोग उग्र होते गये तब उच्चाधिकारियों को सूचित करके अतिरिक्त फ़ोर्स बुलाई गई तब तक भीड़ में 100-125 लोग इकट्ठा हो गये तथा पुलिस पर हमला कर दिये जिससे उनको और सिपाही को चोटे आयी, एसडीएम की गाड़ी का शीशा तोड़ दिया एवं मोटरसाइकिल इत्यादि में आग लगा दिया गया,जिसके आधार पर थानाध्यक्ष ने स्वयं मुक़दमा अपराध संख्या 61/2023 अन्तर्गत धारा-147, 323, 336, 427, 435, 436, 153A, 332, 353, 342, 188, आईपीसी एवं 7 सी एल ए में मुक़दमा पंजीकृत कराया दौरान विवेचना आरोप पत्र न्यायालय पर प्रेषित किया।
तत्पश्चात् उच्च न्यायालय में याचिका पड़ी जिसके आदेश पर न्यायालय की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया एवं उच्च न्यायालय के निर्देश पर शाशन स्तर से ए डी जी लॉ एंड ऑर्डर ने जाँच किया और वादी मुक़दमा तत्कालीन थानाध्यक्ष सूर्य प्रसाद गौतम को दोषी व लापरवाही के आरोप में निलंबित किया गया,तत्पश्चात मामले का विचारण प्रारंभ हुआ जिसमें वादी मुक़दमा तत्कालीन थानाध्यक्ष सूर्य प्रसाद एवं अन्य 8 लोगो को अभियोजन ने न्यायालय पर परीक्षित कराया उसके बाद प्रतिरक्षा साक्ष्य प्रारंभ हुआ जिसने कथित अभियुक्तों ने अपना बयान दर्ज कराया और सभी आरोपों से इंकार करते हूए ख़ुद को फ़र्ज़ी तरीक़े से फसाया जाना बताया उसके बाद न्यायालय ने अभियुक्तों के अधिवक्ताओं की दलील सुनी और दिनांक 16-11-24 को फ़ैसले के लिय सुरक्षित कर लिया,और दिनांक 16-11-24 को शाम को न्यायालय ने फ़ैसला सुनाया कि सभी अभियुक्तों को दोषमुक्त किया जाता है।
क्या कहते है अभियुक्तगण के अधिवक्ता पंकज दीक्षित
आज मेरे लिय बहुत की ख़ुशी की बात है,मैं ख़ुद को बहुत गौरन्वित महसूस कर रहा हूँ,इतने बड़े और चर्चित दंगे में मेरे पक्ष में फ़ैसला आया है,मैं न्यायाधीश को दिल की गहराइयो से शुक्रिया अदा करते हुए आभार प्रकट करता हूँ जिन्होंने लगातार चार घंटों तक मेरे तर्को को सुना और उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रस्तुत बिधि ब्यवस्था का संज्ञान लिया और माना कि अभियोजन अपना मामला साबित करने में असफल रहा इसलिए अभियुक्तगण को दोषमुक्त कर दिया।
अभियुक्त धर्म प्रकाश सोनी एवं दिलीप मिश्रा उर्फ़ लल्लू मिश्रा ने बताया कि आज न्याय की जीत हुई है उसका सारा श्रेय अधिवक्ता पंकज दीक्षित को जाता है उन्होंने केस में बहुत मेहनत किया है और लगातार 4 घंटे तक बहस करके हम लोगो का पक्ष रखा, और ख़ास बात यह है कि अधिवक्ता पंकज दीक्षित भले ही दो लोगो के तरफ़ से नियुक्त थे लेकिन उन्होंने सभी अभियुक्त को बचाने के लिय न्यायालय में दलील पेश की और सभी को दोषमुक्त कराने का प्रयास किया जिसकी वजह से हम सभी लोग दोषमुक्त साबित हुए हैं इसी ख़ुशी में हम लोग माला और मिठाई लाकर वकील साहब का माल्यार्पण करके बधाई देते हुय ख़ुशी महसूस कर रहे है।
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