बीएसएनएल कंपनी बोर्ड का बड़ा फैसला, नौकरी से हाथ धो सकतें हैं बीएसएनएल के 54 हजार कर्मचारीनई दिल्ली : सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) आर्थिक संकट से गुजर रही हैं | कर्मचारियों को भुगतान कर न पाने के कारण बीएसएनएल कर्मचारियों में से 31 फीसदी को निकालने का फैसला लिया गया हैं ऐसा इसलिए क्योंकि कंपनी बोर्ड ने कुछ प्रस्तावों को स्वीकृति दी है। ये बात डेकन हेराल्ड की एक रिपोर्ट में कही गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक बीएसएनएस से जुड़े एक सूत्र का कहना है कि कंपनी बोर्ड ने मार्च की बैठक में सरकार द्वारा स्थापित एक विशेषज्ञ पैनल के दस में से तीन प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। वहीं टेलीकॉम डिपार्टमेंट (डीओटी) नहीं चाहता कि चुनाव से पहले कर्मचारियों की छंटनी हो।कंपनी बोर्ड द्वारा जिन तीन प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई है, उसमें सेवानिवृत्ति की वर्तमान आयु को 60 से घटाकर 58 वर्ष करना, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस), जिमसें 50 साल और उससे अधिक के सभी कर्मचारी शामिल हैं और बीएसएनएल को 4 जी स्पेक्ट्रम के आवंटन में तेजी ला रहे हैं।
सेवानिवृत्ति की आयु और वीआरएस पर किए गए फैसले से करीब 54,451 बीएसएनएस कर्मी की छंटनी हो सकती है। कर्मचारियों की ये संख्या कंपनी के कर्मियों की 31 फीसदी है। केवल सेवानिवृत्ति की आयु कम करने से ही 33,568 कर्मियों की संख्या कम हो जाएगी और अगले छह सालों में कंपनी की 13,895 करोड़ रुपये की बचत होगी। ऐसा अनुमान है कि बीएसएनएल कर्मियों की औसतन आयु 55 वर्ष से अधिक है।बीएसएनएल और एमटीएनएल दोनों ही अपने कर्मियों का फरवरी का वेतन देने में असमर्थ रहे हैं। हाल ही में इन दोनों पीएसयू ने वित्तीय सहायता और मुद्दों के हल करने के लिए सरकार से संपर्क किया है। फिलहाल केंद्र ने कोई अंतिम कॉल नहीं लिया है।
|