ज़मानत के बदले मांगे थे पांच लाख की रिश्वत, दो और भी हैं आरोपी
भ्रस्टाचार निरोधक ब्यूरो ने दर्ज की प्राथमिकी
सतारा (महाराष्ट्र)। वैसे तो ये कोई ढकी छुपी बात नहीं है की न्याय व्यवस्था में भ्रस्टाचार किस कदर व्याप्त है, न्यायाधीश की कुर्सी के बिल्कुल पास बैठा उनका पेशकार हर फ़ाइल पर पेशी के लिए 10 से लेकर 100 रुपये की वसूली करता है लेकिन न्याय की प्रतिमा की तरह आँख पर पट्टी बांधे न्यायाधीश को ये कभी दिखाई नहीं पड़ता, कुछ इसी तरह अब न्यायाधीश जमानत के बदले मांगी गईं रिश्वत लेने स्वयं पहुँच गए थे जिसपर ए सी बी ने उनपर मुकदमा दर्ज करते हुए उनकी गिरफ़्तारी की अनुमति मांगी है।
अपने आप में शायद ये पहला मामला होगा ज़ब किसी जिला जज पर भ्रस्टाचार के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया हो, ये मामला इसलिए खास है क्योंकि जनता की न्याय पाने की आखरी आस न्यायपालिका होती है ज़ब यहाँ भी उसे उत्पीड़न का शिकार होना पड़ रहा है तो निश्चय ही जनता का विश्वास पूरे सिस्टम से उठ जायेगा जो देश के लिए बहुत ही विनाशकारी सिद्ध होगा।
गंभीरता से विचारणीय ये मामला जिले के जिला जज से जुड़ा है, जानकारी के अनुसार ज़मानत के एक मामले में जिले के जिला और सत्र न्यायाधीश ने दलाल के माध्यम से एक मामले के पैरोकार एक महिला से पांच लाख की डिमांड की थी जिसे लेने वह स्वयं अपनी कार चलाकर महिला के पास पहुंचे थे जहाँ उनके और पीड़ित महिला के बीच दलाली करने वाले दो और लोग भी थे।
महिला ने मामले की शिकायत पहले ही ए सी बी से कर रखी थी और ए सी बी पूरे प्रकरण पर अपनी पैनी निगाह रखें थी। शिकायत की सत्यता की पुष्टि होने पर ए सी बी ने जिला जज सहित तीन अन्य पर मुकदमा दर्ज करते हुए जिला जज की गिरफ़्तारी के लिए उच्च न्यायालय से अनुमति मांगी है।