गोण्डा। शुक्रवार को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस अवसर पर जनपद के श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज के ललिता शास्त्री सभागार में भौतिक विज्ञान विभाग और आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में “स्कोप ऑफ़ क्वांटम टेक्नोलॉजी इन नेचुरल साइंसेज” विषय पर एक अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया गया यह सम्मेलन दो दिनों (28 फरवरी – 1 मार्च) तक गतिमान रहेगा।
महाविद्यालय के एनसीसी कैडेट्स द्वारा इस सम्मेलन में पधारे कुलपति प्रो. रवि शंकर सिंह को गार्ड ऑफ़ ऑनर प्रदान किया गया, रोवर्स रेंजर्स ने कुलपति का स्वागत किया। तदुपरांत महाविद्यालय प्रांगण में स्थित शास्त्री प्रतिमा एवं संविधान स्थल पर कुलपति द्वारा पुष्प अर्पित किए गए।
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र का आरंभ मंचासीन अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन किया गया। इसी के अनुक्रम में महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना का गायन एवं स्वागत गीत के द्वारा गणमान्य विद्वज्जनों का स्वागत किया गया। तत्पश्चात् महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर रवींद्र कुमार द्वारा इस सम्मेलन में पधारे सभी महानुभावों एवं मूर्धन्य विद्वानों स्वागत किया गया। सम्मेलन के संयोजक एवं भौतिक विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जितेन्द्र सिंह के द्वारा मंचासीन अतिथियों के विषय में अवगत कराया गया और सम्मेलन की प्रासंगिकता एवं समकालीन परिदृश्य मे क्वांटम तकनीक की बढ़ती उपादेयता पर प्रकाश डाला गया।
इसी के अनुक्रम में महाविद्यालय की प्रबंध समिति के उपाध्यक्ष वर्षा सिंह, सचिव उमेश शाह, प्राचार्य, प्रो. रवीन्द्र कुमार, सम्मेलन के संयोजक प्रो. जितेंद्र सिंह के द्वारा कुलपति का स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। सम्मेलन के प्रथम दिवस के उद्घाटन सत्र में विशेष अतिथि के रूप में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान – काशी हिंदू विश्वविद्यालय के भौतिकविद् प्रोफेसर प्रवीण चंद्र पांडेय रहे। अपने उद्बोधन में क्वांटम डॉटस, नैनो टेक्नोलॉजी, क्वांटम कम्प्यूटर, क्यू बाईट्स इत्यादि तकनीकी शब्दों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज का युग क्वांटम तकनीक का युग है।
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कर रहे मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय बलरामपुर के प्रथम कुलपति प्रोफेसर रविशंकर सिंह ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि रमन प्रभाव की खोज के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। चूंकि 1925 से क्वांटम मेकेनिक्स की शुरुआत मानी जाती है अतः यूनेस्को ने 2025 को क्वांटम विज्ञान एवं तकनीक का अंतरराष्ट्रीय वर्ष घोषित किया है। उन्होंने ईपीआर पैराडॉक्स, श्रोडिंगर इक्वेशन, क्वांटम इंटेंगलमेंट, क्वांटम क्रिप्टोग्राफी को अपने व्याख्यान में शामिल करते हुए नेशनल क्वांटम मिशन की प्रासंगिकता को रेखांकित किया। इसके साथ ही उन्होंने क्वांटम तकनीक के ऐतिहासिक विकास पर प्रकाश डाला अपने व्याख्यान का अंत उन्होंने मां पाटेश्वरी के प्रति श्रद्धावनत होते हुए किया।
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र का समापन सम्मेलन के आयोजन सचिव एवं भौतिक विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ॰ संतोष कुमार श्रीवास्तव के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।
इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के प्रथम दिवस पर उद्घाटन सत्र के समापन के पश्चात दो तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया तकनीकी सत्र – प्रथम की अध्यक्षता एम. एल के. पीजी कॉलेज बलरामपुर के प्राचार्य प्रोफेसर जे.पी. पांडेय के द्वारा की गयी एवं सह अध्यक्षता लखनऊ विश्वविद्यालय की डॉक्टर आर. बी. सिंह के द्वारा की गयी। इस तकनीकी सत्र की कार्यवाही में गतिविधियों से महाविद्यालय के रसायन विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर पुष्यमित्र मिश्र ने अवगत कराया।
तकनीकी सत्र प्रथम के आमंत्रित व्याख्यानकर्ता के रूप में लखनऊ विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग की डॉ॰ ज्योत्सना सिंह ने ‘द क्वांटम नेचर ऑफ स्टार फार्मेशन डेथ’ विषय पर अपना महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया। तकनीकी सत्र प्रथम का समापन डॉ. पुष्यमित्र मिश्र के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
इसी के अनुक्रम में मध्याह्न भोजन के उपरांत तकनीकी सत्र द्वितीय का शुभारंभ किया गया। इस तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर प्रेम कुमार सिंह, भौतिक विज्ञान विभाग, एम. एल. के. पीजी कॉलेज बलरामपुर के द्वारा एवं सह अध्यक्षता प्रोफेसर डॉ॰ विनय कुमार सक्सेना प्राचार्य किसान डिग्री कालेज बहराइच ओंकारनाथ पाठक, कृतकार्य उपाचार्य, रक्षा एवं स्त्रातेजिक अध्ययन, श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज गोंडा के द्वारा की गई। इस तकनीकी सत्र की गतिविधियों एवं क्रिया-प्रक्रियाओं से डॉ॰ रवि प्रकाश ओझा, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर रसायन विज्ञान विभाग ने अवगत कराया।
इस तकनीकी सत्र के आमंत्रित वक्तव्यकर्ता रूप में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भारतीय खनन संस्थान धनबाद झारखंड की प्रोफेसर पंकज मिश्रा ने ‘पेयर कोरिलेशन एंड निमेटिक ऑर्डरिंग इन अ टूडी सिस्टम और गे-बर्नर मिसोजंस’ विषय पर अपना अति महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया। तकनीकी सत्र के समापन की घोषणा डॉ॰ रवि प्रकाश ओझा के धन्यवाद ज्ञापन से हुई।
तकनीकी सत्रों के आयोजन के उपरांत महाविद्यालय प्रांगण में पोस्टर प्रस्तुतीकरण सत्र का आयोजन किया गया जिसमें सम्मेलन में पधारे सभी गणमान्य अतिथियों एवं महानुभावों ने शिरकत की। सम्मेलन के प्रथम दिवस का समापन राष्ट्रगान से हुआ।
सम्मेलन के प्रथम दिवस पर महाविद्यालय के विज्ञान संकाय, कला संकाय, वाणिज्य संकाय एवं शिक्षा संकाय के आचार्य, सहाचार्य एवं सहायक आचार्य तथा अन्य विश्वविद्यालयों, महाविद्यालय के विद्वान, शोधार्थी और विद्यार्थी उपस्थित रहे। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की संध्या के अवसर पर महाविद्यालय में सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया गया।इस अवसर पर प्रो. राजेश कुमार सिंह ,प्रो मोईनुद्दीन अंसारी,प्रो आर बी एस बघेल ,प्रो बी पी सिंह,प्रो शैलेंद्र नाथ मिश्रा ,प्रो राम समुझ सिंह, संदीप श्रीवास्तव , प्रो श्रवण श्रीवास्तव डॉ वंदना भारतीय, डा अंकित मौर्य , डॉ अवनीश मिश्रा, डॉ अवनीश मिश्रा,डॉ शोभित, अनुराधा , डॉ देव नारायण पांडेय , ममता शुक्ला , प्रो अरविंद शर्मा सहित महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा ।इस सम्मेलन के दूसरे दिन एक मार्च को तीन तकनीकी सत्रों का आयोजन किया जाएगा जिसमें अनेकानेक विद्वान एवं गणमान्य अतिथि उपस्थित होंगे।
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