12 हज़ार में से 5 हज़ार चढ़ाने पड़ते हैं ठेकेदार को भेंट, फिर भी महीनों नहीं मिलता वेतन
गोण्डा। कागज पर वेतन 12000 लेकिन जेब में आते मात्र 7000 उसपर भी वेतन कब मिलेगा इसका भी कोई भरोसा नहीं, मात्र सात हज़ार में जीवनयापन करने वाले रेल सफाईकर्मियों ने आज हड़ताल कर दी जिससे पूरे गोण्डा रेलवे स्टेशन पर चारों ओर गन्दगी का अम्बार लग गया।
जी हाँ हम बात कर रहे हैं अपने में आदर्श रेलवे स्टेशन का दर्जा पाए गोण्डा रेलवे स्टेशन की, यहाँ सफ़ाई कार्य में लगे सैकड़ो कर्मचारियों की जो आउटसोर्सिंग पर तैनात किये गए हैं, कहने को तो कंपनी द्वारा इन्हे प्रतिमाह मानदेय के रूप में 12000₹ की धनराशि उनके खाते में भेजी जाती है लेकिन अब इसे दबंगई कहा जाये या फिर भ्रस्टाचार, कंपनी द्वारा नियुक्त ठेकेदार सभी सफाईकर्मियों से नगद पांच हज़ार रूपये की वसूली कर लेता है।
स्टेशन पर प्रदर्शन कर रहे सफाईकर्मियों ने एक स्वर में बताया की यदि इस वसूली के विरुद्ध आवाज उठाई जाती है तो ठेकेदार इस्लाम द्वारा उन्हें काम से भगाने की धमकी दी जाती है, उन्होंने ये भी बताया की इतने पर भी डेढ़ माह हो गए हैं अभीतक उन्हें मानदेय नहीं मिला जिसके चलते परिवार भुखमरी की कगार पर पहुँच गया है।
कर्मचारियों ने ये भी बताया की इस भ्रस्टाचार की शिकायत उच्चाधिकारियों से भी की गईं लेकिन किसी के भी कान पर जूँ तक नहीं रेंगी।
गरीब सफाईकर्मियों के इस भीषण शोषण के आरोपी ठेकेदार इस्लाम से ज़ब इस विषय पर बात कर उनका पक्ष जानने की कोशिश की गईं तो उसने फोन रिसीव तक करना उचित नहीं समझा जिससे समझा जा सकता है की उसे अपने कम्पनी का तो संरक्षण प्राप्त ही है इसके अलावा रेल के उच्चाधिकारियों का भी वरदहस्त मिला है।