दुनिया की सबसे अधिक मुनाफा कमाने वाली कंपनी सऊदी अरामको और भारत की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के बीच एक बड़ा सौदा होने की संभावना है। दोनों कंपनियों के बीच आरआईएल के रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल व्यवसाय की 25 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने को लेकर बातचीत चल रही है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार सऊदी अरब की सबसे बड़ी तेल निर्यातक कंपनी सऊदी अरामको ने चार महीने पहले रिलायंस में रुचि दिखाई थी। इस मामले को लेकर सऊदी के राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान ने फरवरी में अपने भारत दौरे के समय मुकेश अंबानी से मुलाकात भी की थी। जिसके बाद से ही बातचीत जारी है।
मामले की जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि जून के आसपास वेल्युएशन (मूल्य निर्धारण) पर समझौता हो सकता है। बता दें आरआईएल का रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल्स व्यवसाय करीब 55-60 अरब डॉलर का है। वहीं अगर आरआईएल थोड़ी हिस्सेदारी बेच दे तो उसे 10 से 15 अरब डॉलर मिल सकते हैं। इस कंपनी का मार्केट कैप मंगलवार को भी 122 अरब डॉलर (8.5 लाख करोड़ रुपये) पर पहुंच गया था।
बताया जा रहा है कि इस सौदे का सुझाव इन्वेस्टमेंट बैंकर गोल्डमैन सैक्स ने दिया है। वहीं आरआईएल ने टेलिकॉम क्षेत्र में प्रवेश के लिए रिलायंस जियो को पैसा दिया है, जिसके चलते कुल कर्ज 3 लाख करोड़ हो गया है। वित्तीय मामलों के जानकार का कहना है कि, यह समझदार मार्केट पॉलिसी है।
माना जा रहा है कि सौदे पर काफी समय से विचार किया जा रहा है। दिसंबर में मुकेश अंबानी की बेटी इशा के प्री-वेडिंग फंक्शन में भी सऊदी अरब के तेल मंत्री खालिद अल फालिह पहुंचे थे। उन्होंने इस दौरान भारत की रिफाइनिंग क्षमता को बढ़ाने की दिशा में रिलायंस के अलावा अन्य कंपनियों के साथ अरामको केजॉइंट वेंचर शुरू करने में रुचि दिखाई थी।
भारत में घरेलू कच्चे तेल का उपभोग आने वाले समय में काफी बढ़ने वाला है। हमारा देश अमेरिका और चीन के बाद कच्चे तेल का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। वहीं इस मामले में आरआईएल के प्रवक्ता का कहना है कि ‘हम पॉलिसी के तौर पर मीडिया की अटकलों पर प्रतिक्रिया नहीं देते। मौजूदा स्थिति को देखते हुए हमारी कंपनी विभिन्न अवसरों का मूल्यांकन करती है।’