(मदन साहू)
गरीबों के घर डूबे थे बारिश के पानी में, मीडिया ने खबर को दी थी प्रमुखता
पन्ना (मध्यप्रदेश)। जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर पन्ना- पहाड़ीखेड़ा मार्ग पर ग्राम पंचायत इटवां खास के अंतर्गत आने वाले जयपाल कालोनी मड़ईयन में 5 जुलाई को बारिश से गरीबों के घर पानी में डूब गए थे। जिसके लिए ग्रामीणों ने नाले के बीच प्रभावशील लोगों द्वारा अतिक्रमण करते हुए, पत्थरों की बाड़ खकरी खड़ी करने के आरोप लगाए थे। जिससे कारण बारिश का पानी नाले के अवरूद्ध होने से उनके घरों में भर गया था।
इस मामले को मीडिया ने प्रमुखता से उठाया था। परिणामस्वरूप प्रशासन ने मामले को संज्ञान में लेते हुए, घटना के दूसरे दिन सुबह ही औचक निरीक्षण किया। आला अधिकारियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे एसडीओ जल संसाधन विभाग, नायब तहसीलदार शशिकांत दुबे और पटवारी महेंद्र पटेल ने निरीक्षण कर, पाया कि बरसाती नाले पर अतिक्रमण करते हुए बीच नाले में पत्थरों की बाड़ खकरी का निर्माण किया गया है और अन्य अतिक्रमण भी किया जा रहा है। जिस पर अतिशीघ्र कार्यवाही करते हुए, नाले के अवरूद्ध रास्ते को खोलने का आश्वासन दिया गया है।
ग्रामीणों का कहना है, वह यहां पर पचास से अधिक सालों से घर बनाकर रह रहे हैं। लेकिन उन्हें इस तरह से जलभराव की समस्या से नहीं जूझना पड़ा है। बल्कि बरसाती नाले के अवरूद्ध किए जाने और सिरस्वाहा बांध में पानी के जलस्तर के अनियंत्रित होने से ही इस तरह की स्थिति निर्मित होती है। विदित है कि लगातार हो रही से बारिश से ग्रामीणों में घरों में फिर से पानी भरने और अनहोनी घटित होने की आशंका को लेकर दहशत का माहौल है। अब देखना ये है कि प्रशासन आश्वासन के बाद कितनी जल्दी कार्यवाही करते हुए, बरसाती नाले के अवरूद्ध रास्ते को खुलवाकर, ग्रामीणों को दहशत से मुक्त करती है।